Pakistan: फिलहाल जेल में ही रहेंगे इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी, ‘इद्दत’ केस में सजा बरकरार, जानें क्या है पूरा मामला

Pakistan News: इद्दत मामले(Iddat Case) में पाकिस्तान के इमरान खान(Imran Khan) और उनकी पत्नी बुशरा बीबी(Bushra Bibi) की सात साल की सजा सुनाई गई थी.
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फिलहाल जेल में ही रहेंगे इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी

Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. पाकिस्तान में तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान(Imran Khan)और उनकी पत्नी बुशरा बीबी(Bushra Bibi) की अपील को खारिज कर दिया है. दरअसल, इद्दत मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की सात साल की सजा सुनाई गई थी. इसी सजा को खारिज करने के लिए याचिका दायर की गई है. मंगलवार को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया था. बुधवार को अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अफजल मजोका की ओर से यह फैसला सुनाया गया है. वहीं उनकी पार्टी PTI ने इस फैसले को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.

पिछले साल से जेल में बंद हैं इमरान खान

दरअसल, इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को पाकिस्तान में आम चुनावों से कुछ दिन पहले 3 फरवरी को सात साल की जेल और जुर्माना की सजा सुनाई गई थी. इस दौरान बुशरा पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने पिछले पति को तलाक देने और इमरान खान से शादी करने के बाद इस्लाम धर्म में निर्धारित प्रतीक्षा अवधि को इद्दत(Iddat Case) कहा जाता है, इसे पूरा नहीं किया. बता दें कि यह मामला इमरान खान के जरूरी है. अगर इस मामले में इमरान खान और बुशरा बीबी के पक्ष में फैसला होता तो उन्हें जेल से रिहा किया जा सकता था. क्योंकि वह अपने खिलाफ अन्य सभी मामलों में जमानत हासिल करने में सफल रहे थे. बता दें कि इमरान खान पिछले साल 5 अगस्त से भ्रष्टाचार समेत कई आरोपों में जेल में बंद हैं.

‘इमरान और बुशरा के खिलाफ निराधार आरोप’

अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के कारण सत्ता से बेदखल होने के बाद से इमरान खान कई कानूनी मामलों में उलझ गए. यह पाकिस्तान में विपक्षी नेताओं के लिए अक्सर खतरा होता है. वहीं उनकी पार्टी PTI ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है. तहरीक-ए-इंसाफ के प्रवक्ता ने न्यायमूर्ति मुहम्मद अफजल मजोका के फैसले के खिलाफ तुरंत उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की घोषणा की है. प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान पूरी तरह से फासीवाद के अधीन है और हमारी न्याय प्रणाली राज्य के बदमाशों की दया पर है. इमरान खान और उनकी पत्नी के खिलाफ निराधार, मनगढ़ंत और फर्जी वाले इस मामले के पत्रों में अन्याय और बदला झलकता है. कार्यकर्ताओं ने फैसले के खिलाफ इस्लामाबाद और कराची में विरोध प्रदर्शन किया.

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तोशा खाना और सिफर मामलों में मिली जमानत

तहरीक-ए-इंसाफ के प्रवक्ता ने कहा कि शुरू से लेकर आज तक हर मौके और हर कदम पर कानून और न्याय की धज्जियां उड़ाकर इस लंबे समय से चल रहे मामले का इस्तेमाल इमरान खान और उनकी पत्नी को जेल में रखने के औचित्य के रूप में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि तोशा खाना और सिफर मामलों के खत्म होने के बाद इमरान खान और उनकी पत्नी को जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं था. धानमंत्री शहबाज शरीफ के राजनीतिक और सार्वजनिक मामलों के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि इमरान खान देश में अराजकता फैलाने में विश्वास करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें जितना संभव हो सके उतने लंबे समय तक सलाखों के पीछे रखने के लिए नए आरोप लगा सकती है.

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