Pradosh Vrat 2025: कार्तिक मास का सोम प्रदोष व्रत कल, तीन शुभ संयोग से बरसेगी भोलेनाथ की कृपा

Kartik Som Pradosh Vrat 2025: धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करने से शीघ्र कृपा प्राप्त होती है और जीवन की समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं.
Kartik Som Pradosh Vrat 2025 with three auspicious yog for Lord Shiva blessings

सांकेतिक तस्‍वीर

Pradosh Vrat 2025: कार्तिक मास में आने वाला प्रदोष व्रत इस बार विशेष योगों के संयोग से अत्यंत शुभ माना जा रहा है. यह व्रत सोमवार, 3 नवंबर 2025 को पड़ रहा है, इसलिए इसे “सोम प्रदोष व्रत” कहा जाएगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करने से शीघ्र कृपा प्राप्त होती है और जीवन की समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं. यह दिन आत्मिक शुद्धि, नई शुरुआत और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 3 नवंबर को सुबह 5 बजकर 7 मिनट पर प्रारंभ होगी और 4 नवंबर की सुबह 2 बजकर 5 मिनट तक रहेगी. इसी दौरान प्रदोष काल में व्रत और पूजा का विधान किया जाएगा. यह कार्तिक मास का अंतिम प्रदोष व्रत भी है.

हर्षण योग का संयोग

इस बार सोम प्रदोष व्रत पर हर्षण योग का शुभ संयोग बन रहा है, जो पूरे दिन रहेगा और प्रदोष काल यानी शाम 7 बजकर 40 मिनट तक प्रभावी रहेगा. ज्योतिष के अनुसार, हर्षण योग में भगवान शिव, माता पार्वती और चंद्रदेव की पूजा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख, शांति तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है.

शिववास योग का संयोग

इस दिन शिववास योग का भी विशेष महत्व रहेगा. यह योग रात 2 बजकर 5 मिनट तक प्रभावी रहेगा, जब भगवान शिव नंदी पर विराजमान माने जाते हैं. इस शुभ समय में भगवान शिव का दूध, जल, शहद और गंगाजल से अभिषेक करना, बेलपत्र, धूप, दीप और पुष्प अर्पित करना अत्यंत फलदायी माना गया है. ‘ॐ नमः शिवाय’ या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है.

ये भी पढे़ं- Aaj Ka Rashifal: 2 नवंबर 2025 दिन रविवार, आज का राशिफल

रवि योग का संयोग

इसके अलावा, 3 नवंबर की दोपहर 3 बजकर 5 मिनट से रवि योग का शुभ संयोग भी प्रारंभ होगा, जो 4 नवंबर की सुबह तक रहेगा. यह योग आराधना और व्रत के लिए अत्यंत मंगलकारी माना गया है. ज्योतिष मतानुसार, रवि योग में भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को आरोग्यता, मानसिक शांति और ऊर्जावान जीवन का वरदान प्राप्त होता है. इस दिन स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करें, शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद, चंदन और बेलपत्र अर्पित करें, दीपक जलाकर भगवान सूर्य और शिव की संयुक्त आराधना करें तथा जरूरतमंदों को अन्न या वस्त्र दान करना विशेष रूप से शुभ माना गया है.

(डिस्क्लेमर: यह खबर धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिष शास्त्र और पंचांग आधारित जानकारी पर लिखी गई है. इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है. विस्तार न्यूज किसी भी ज्योतिषीय दावे की पुष्टि नहीं करता है.)

ज़रूर पढ़ें