Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा पर महाकुंभ स्नान का क्या है महत्त्व? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Magh Purnima 2025: माघ माह के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा होती है. इस दिन महाकुंभ में करोड़ों लोग स्नान करेंगे. जिस कारण महाकुंभ में भयंकर भीड़ और ट्रैफिक का दबाव देखने को मिल रहा है.
Magh Purnima 2025

माघ पूर्णिमा 2025

Magh Purnima 2025: बुधवार, 12 फरवरी को माघ महीने की पूर्णिया तिथि है. इस दिन संगम स्नान का बेहद खास महत्त्व है. इस खास दिन पर स्नान करने के लिए लोग महाकुंभ पहुंच रहे हैं. माघ माह के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा होती है. इस दिन महाकुंभ में करोड़ों लोग स्नान करेंगे. जिस कारण महाकुंभ में भयंकर भीड़ और ट्रैफिक का दबाव देखने को मिल रहा है.

महाकुंभ में स्नान का क्या है महत्त्व?

माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा के नाम से जाना जाने वाला ये दिन काफी महत्वपूर्ण है. इस दिन संगम स्नान का विशेष महत्व होता है. माघ पूर्णिमा को देव तिथि माना जाता है. हिंदु मान्यताओं के मुताबिक, माघ पूर्णिमा के दिन देवतागण पृथ्वी पर आकर गंगा स्नान करते हैं. वहीं शास्त्रों में भी पूर्णिमा को स्नान,दान, पूजा-पाठ और व्रत के लिए बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है. यही कारण है कि गंगा स्नान-संगम स्नान के लिए माघ पूर्णिमा के दिन को सबसे महत्त्वपूर्ण माना जाता है.

माघी पूर्णिमा पर स्नान को लेकर प्रयागराज में कई तरह की तैयारियां की जा रही है. माघ पूर्णिमा के दिन संगम पर शाही स्नान भी किया जाएगा. शाही स्नान और माघ पूर्णिमा का संयोग होने के कारण इस दिन संगम स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ जाएगी.

माघी पूर्णिमा पर स्नान-पूजन की विधि

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के लिए जो लोग प्रयागराज महाकुंभ गए हैं. वह स्नान के दौरान “गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति. नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू” मंत्र का उच्चारण जरूर करें. अगर मंत्र का उच्चारण नहीं कर सकते तो स्नान के दौरान मां गंगे का ध्यान कर लें. इस विधि से किए स्नान से गंगा स्नान का पुण्य मिलता है.

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माघी पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ ही पूजन और दान का भी काफी महत्व है. इस दिन संगम स्नान या फिर गंगा स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें. पूजा के बाद जरूरतमंदों में तिल, गुड़, कंबल, अन्न, वस्त्र आदि का दान करें. अगर आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं तो व्रत भी रख सकते हैं.

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