मंदिर में चंदन लगाकर क्यों रखा जाता है तुलसी का पत्ता? जानिए इसके पीछे का गहरा आध्यात्मिक रहस्य
तुलसी का पौधा
Tulsi Leaf With Chandan Significance: हिंदू धर्म के अनुसार कई ऐसे पेड़-पौधे हैं जिनकी पूजा की जाती है और जिनमें साक्षात भगवान का वास माना जाता है. इन्हीं में से एक ‘तुलसी’ का पौधा है, जिसे माता ‘लक्ष्मी’ का स्वरूप माना गया है. धर्म ग्रंथों के अनुसार, भारतीय घरों के मंदिरों में भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और श्री राम जी की पूजा में तुलसी अर्पित करना अनिवार्य और अत्यंत शुभ माना जाता है. वहीं, चंदन के वृक्ष को शीतलता, शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. जब तुलसी के पत्ते पर चंदन का तिलक लगाकर उसे मंदिर में रखा या भगवान को अर्पित किया जाता है, तो यह पूजा की गरिमा बढ़ाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. वहीं मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों पर भगवान की कृपा सदैव बनी रहती है.
तुलसी के पत्ते पर चंदन लगाने का महत्व
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है, इसीलिए शास्त्रों में इसे ‘विष्णुप्रिया’ के नाम से भी संबोधित किया गया है. मंदिर में तुलसी के पत्ते पर चंदन लगाकर अर्पित करने का मुख्य उद्देश्य श्रीहरि को प्रसन्न करना और उनकी विशेष कृपा प्राप्त करना होता है. चंदन अपनी मनमोहक सुगंध और शीतलता के कारण सभी देवी-देवताओं को अत्यंत प्रिय है. जब तुलसी की पवित्रता और श्रीखंड चंदन की दिव्यता का संगम होता है, तो यह न केवल पूजा के वातावरण को शुद्ध बनाता है, बल्कि भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति के साथ-साथ दरिद्रता को भी दूर करता है.
चंदन के लेप से ग्रहों में अद्भुत संयोग बनता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी का सीधा संबंध बुध ग्रह से है, जो बुद्धि और व्यापार का मुख्य कारक है. वहीं चंदन का संबंध चंद्रमा और बृहस्पति से माना गया है. जब तुलसी के पत्ते पर चंदन का लेप लगाया जाता है, तो इससे ग्रहों में अद्भुत संयोग को बनता है.
घर के मंदिर में तुलसी रखने का फायदा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घर के मंदिर में सही तरीके से तुलसी रखने से वास्तु दोष खत्म होते हैं. मानसिक शांति के लिए चंदन का प्रयोग बहुत फायदेमंद है, खासकर उन लोगों के लिए जिनका चंद्रमा कमजोर है. इसके अलावा, नियमित रूप से इनका उपयोग करने से राहु और केतु के बुरे प्रभाव भी कम होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है.