Vipreet Rajyog 2025: शनि के मार्गी होने से इन राशि वालों की चमकेगी किस्मत, मिलेगी सफलता और धन लाभ के अवसर
शनि देव (सांकेतिक तस्वीर)
Vipreet Rajyog 2025: हिंदू धर्म में शनि को न्याय और कर्म के देवता के रूप में पूजा जाता है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कर्मफल दाता शनि देव जुलाई 2025 में वक्री हुए थे और करीब 138 दिनों तक वक्री अवस्था में रहने के बाद अब 28 नवंबर 2025 को मीन राशि में ही मार्गी हो जाएंगे. शनि की गति में यह परिवर्तन जीवन के कई क्षेत्रों में गहरा असर डाल सकता है. वक्री अवस्था में शनि की चाल धीमी हो जाती है और वे पिछली राशि के फल देने लगते हैं, जिससे कई जातकों को संघर्ष और बाधाओं का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब जब शनि मार्गी होंगे, तो कई राशियों के जीवन में राहत और प्रगति के योग बनेंगे. खासतौर पर शनि की इस स्थिति से कुछ राशि के जातकों के लिए विपरीत राजयोग का निर्माण होगा, जिससे उन्हें अप्रत्याशित लाभ और सफलता प्राप्त हो सकती है.
धनु राशि के जातकों के लिए ये समय हाेगा शुभ
धनु राशि के जातकों के लिए यह समय बेहद शुभ रहने वाला है. उनकी कुंडली में शनि धन और लाभ भाव के स्वामी होकर चौथे भाव में मार्गी होंगे. इससे व्यापार, नौकरी और निवेश से जुड़े कार्यों में सफलता मिलने की पूरी संभावना है. लंबे समय से रुके कामों में तेजी आएगी और भूमि, भवन या वाहन से जुड़ी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं. विदेश यात्रा या स्थान परिवर्तन के योग भी बन रहे हैं. शारीरिक थकान और आलस्य दूर होंगे तथा जीवन में अनुशासन बढ़ेगा.
सिंह राशि में शनि छठे और सातवें स्थान के स्वामी
सिंह राशि वालों के लिए शनि की यह चाल करियर और वैवाहिक जीवन में नई ऊर्जा लेकर आएगी. शनि छठे और सातवें भाव के स्वामी होकर आठवें भाव में मार्गी होंगे. इस स्थिति में बन रहा विपरीत राजयोग नौकरीपेशा लोगों के लिए पदोन्नति और वेतन वृद्धि का संकेत दे रहा है. वैवाहिक जीवन की पुरानी परेशानियां समाप्त हो सकती हैं, संतान सुख के योग बनेंगे और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी. मानसिक तनाव से भी राहत मिलने की संभावना है.
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मीन राशि के लिए परिर्वतन विशेष फलदायी
मीन राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन विशेष फलदायी रहेगा. शनि अब लग्न भाव में मार्गी होकर तीसरे, सातवें और दशम भाव पर दृष्टि डालेंगे. इस समय करियर, प्रतियोगी परीक्षाओं और प्रोफेशनल जीवन में बड़ी प्रगति संभव है. रुके हुए कार्य पूरे होंगे और आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी. आत्मविश्वास में वृद्धि होगी तथा भाई-बहनों के साथ संबंध बेहतर रहेंगे. मंगल के नवम भाव में होने से भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और पराक्रम बढ़ेगा. धार्मिक कार्यों में भागीदारी के साथ निवेश और संपत्ति से जुड़ी योजनाएं भी सफल रहेंगी.
(डिस्क्लेमर: यह खबर धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिष शास्त्र और पंचांग आधारित जानकारी पर लिखी गई है. इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है. विस्तार न्यूज किसी भी ज्योतिषीय दावे की पुष्टि नहीं करता है.)