Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की करें आराधना, जानें पूजा विधि और पीले रंग का महत्व

Chaitra Navratri 2025: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना से परिवार में सुख शांति और समृद्धि आई है. इस दिन विधि विधान से मां के दर्शन कर पूजा अर्चना करनी चाहिए. मां ब्रह्मचारिणी ध्यान, ज्ञान और वैराग्य की अधिष्ठात्री देवी हैं.
Maa Brahmacharini

मां ब्रह्मचारिणी

Chaitra Navratri 2025: 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. आज चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन है. आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना से परिवार में सुख शांति और समृद्धि आई है. इस दिन विधि विधान से मां के दर्शन कर पूजा अर्चना करनी चाहिए. मां ब्रह्मचारिणी ध्यान, ज्ञान और वैराग्य की अधिष्ठात्री देवी हैं.

पूजा विधि

जो भी भक्त मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करता है, वह ज्ञान-ध्यान के साथ वैराग्य प्राप्त करता है. मां ब्रह्मचारिणी के हवन में सामग्री के साथ धूप, कपूर, लौंग, सूखे मेवा, मिश्री-मिष्ठान, देसी घी के साथ आहुति देकर पूजन किया जाता है.

कौन है मां ब्रह्मचारिणी?

शास्त्रों में बताया गया है कि मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज के घर पुत्री बनकर जन्म लिया था. इसके बाद महर्षि नारद के कहने पर अपने जीवन में भगवान महादेव को पति के रूप में पाने के लिए उन्होंने कठोर तपस्या की थी. हजारों वर्षों तक अपनी कठिन तपस्या के कारण ही इनका नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी पड़ा. इसी तपस्या से खुश होकर महादेव ने माता की इच्छा पूरी की थी. उनके इसी तप के प्रतीक के रूप में नवरात्र के दूसरे दिन इनकी पूजा की जाती है.

कैसा है मां ब्रहमचारिणी का रूप?

इनके दाहिने हाथ में जप की माला व बाएं हाथ में कमंडल है. साधक यदि भगवती के इस स्वरूप की आराधना करते हैं, तो उनमें तप करने की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य में वृद्धि होती है. जीवन के कठिन से कठिन संघर्ष में वह विचलित नहीं होता है.

यह भी पढ़ें: कटक के पास कामाख्या एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतरे, राहत कार्य जारी

क्या लगाए भोग और किस रंग के कपड़े पहनें

आज के दिन मां को सफेद चीज का भोग लगाना चाहिए. मां ब्रह्मचारिणी को आप चीनी का भोग लगा सकते हैं. नवरात्रि के दूसरे दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा अर्चना करनी चाहिए, क्योंकि माता ब्रह्मचारिणी को पीला रंग बहुत प्रिय है. साथ ही माता को पीले रंग के वस्त्र, पीले रंग के फूल, फल आदि अवश्य अर्पित करना चाहिए।

कहां है मंदिर

मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर वाराणसी के कर्णघंटा क्षेत्र के सप्तसागर मोहल्ले में है.

ज़रूर पढ़ें