“मैदान ढकने के लिए कवर नहीं, डकार गए ICC का…”, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर क्यों भड़क गए मोहम्मद कैफ?

रावलपिंडी के मैदान पर मैच के लिए जिन कवर्स का इस्तेमाल किया गया था, वो केवल पिच और 20 गज के घेरे तक सीमित थे, जबकि पूरे मैदान को ढकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए थे. इस कारण मैदान में पानी जमा हो गया और मैच के शुरू होने में काफी देर हो गई.
मोहम्मद कैफ

मोहम्मद कैफ

Champions Trophy 2025: पाकिस्तान के रावलपिंडी में साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे चैंपियंस ट्रॉफी के एक अहम मैच में भारी बारिश की वजह से देरी हो गई. लेकिन असल में बारिश की वजह से मैच में देरी नहीं हुई, बल्कि इसका कारण था मैदान पर सही ढंग से कवर्स का ना होना.

रावलपिंडी के मैदान पर कवर नहीं

रावलपिंडी के मैदान पर मैच के लिए जिन कवर्स का इस्तेमाल किया गया था, वो केवल पिच और 20 गज के घेरे तक सीमित थे, जबकि पूरे मैदान को ढकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए थे. इस कारण मैदान में पानी जमा हो गया और मैच के शुरू होने में काफी देर हो गई. जैसे ही मैदान की स्थिति सामने आई पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ भड़क गए. उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड को खूब खरी-खोटी सुना दी.

कैफ ने ट्वीट करते हुए लिखा, “शर्म की बात है कि रावलपिंडी के मैदान को पूरी तरह से कवर नहीं किया गया. यह साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच अहम मैच था, और यह मैच बारिश के कारण बर्बाद हो सकता है. क्या आईसीसी ने जो पैसे दिए हैं, उनका सही तरीके से इस्तेमाल हुआ है?”

मैच रद्द होने पर किसको फायदा?

बता दें कि बारिश के कारण अगर मैच रद्द हो जाता है तो ग्रुप बी का समीकरण और भी दिलचस्प हो जाएगा. अगर साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच का मैच एक अंक के साथ खत्म होता है, तो इंग्लैंड को इसका फायदा मिलेगा. इंग्लैंड के पास मौका होगा कि वह अगर अगले मैच जीत जाए और साउथ अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया में से कोई टीम हार जाए, तो इंग्लैंड सेमीफाइनल में पहुंच सकती है. वहीं अफगानिस्तान के पास भी क्वालीफाई करने का एक और मौका बन जाएगा.

इसके बावजूद, ग्रुप ए का मामला पहले ही साफ हो चुका है. भारत और न्यूजीलैंड ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है. वहीं पाकिस्तान और बांग्लादेश का सफर अब खत्म हो चुका है. पाकिस्तान, जो पहले दो मैच हार चुका था, अब सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुका है. इस पूरे मामले ने केवल क्रिकेट का रोमांच ही नहीं बढ़ाया, बल्कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की व्यवस्थाओं और आईसीसी के पैसे के सही इस्तेमाल पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं.

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