न्यूजीलैंड में मैच के बीच लाइट गई तो खामोशी, एशिया में होता तो मच जाता बवाल!
न्यूजीलैंड पाकिस्तान मैच के दौरान बंद हो गई लाइट
New Zealand vs Pakistan: पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच तीसरा वनडे मैच चल रहा था. जगह थी माउंट माउंगानुई का बे ओवल स्टेडियम. न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी की और 42 ओवर में 264 रन बनाए. पाकिस्तान जवाब में बैटिंग कर रहा था. 39वां ओवर चल रहा था. न्यूजीलैंड का गेंदबाज जैकब डफी गेंद फेंकने को तैयार था. सामने थे पाकिस्तान के बल्लेबाज तैयब ताहिर. डफी ने रनअप शुरू किया ही था कि अचानक पूरे स्टेडियम की लाइट्स बंद हो गईं. चारों तरफ अंधेरा छा गया. तैयब घबरा गए. वो फौरन क्रीज से पीछे हटे, ताकि कहीं चोट न लग जाए. अच्छा हुआ कि डफी ने गेंद नहीं फेंकी, वरना कुछ गलत हो सकता था.
न्यूजीलैंड ने जीता मैच
लाइट्स के बंद होने से खेल कुछ देर के लिए रुक गया. न्यूजीलैंड में सब शांत रहे. वहां के स्टाफ ने चुपचाप इंतजाम किया. कमेंटेटर्स ने भी कोई हंगामा नहीं मचाया. थोड़ी देर बाद लाइट्स वापस आई और खेल शुरू हो गया. मगर तैयब का ध्यान शायद भटक गया था. अगली ही गेंद पर वो बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में आउट हो गए. न्यूजीलैंड ने ये मैच 43 रनों से जीत लिया और सीरीज अपने नाम कर ली. लेकिन ये लाइट बंद होने की घटना सबके लिए चौंकाने वाली थी. हालांकि, इस पर तथाकथित दुनियाभर के क्रिकेट एक्सपर्ट ने चुप्पी साध ली.
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भारत में होता तो क्या?
अब जरा सोचिए, अगर ये सब एशिया में, खासकर भारत में हुआ होता, तो क्या सीन बनता? यहां तो ऐसा मौका कोई नहीं छोड़ता. स्टेडियम में बैठे फैंस हूटिंग शुरू कर देते. कोई चिल्लाता, “अरे, ये क्या मजाक है?” तो कोई कहता, “लाइट्स भी छक्का मारने गई क्या?” सोशल मीडिया पर तो बवाल मच जाता. एक्स पर लोग मीम्स बनाते. कोई लिखता, “लाइट बंद हुई, लगता है बिजली बिल नहीं भरा!” और सबसे ज्यादा ताने पड़ते BCCI पर. लोग कहते, “दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड और स्टेडियम में लाइट का इंतजाम तक नहीं?” वहीं विदेशी कमेटेटर्स कहते. “IPL में तो रात को लेजर शो होता है, यहां बत्ती गुल क्यों?”
भारत में क्रिकेट खेल से ज्यादा जुनून है. यहां ऐसी घटना बस तकनीकी खराबी नहीं रहती. ये फैंस के लिए ड्रामा बन जाती है. टीवी पर एक्सपर्ट बहस शुरू कर देते कि ये गलती किसकी थी. कोई कहता, “BCCI को इतना पैसा मिलता है, फिर ये हाल क्यों?” कोई जोड़ता, “पावर बैकअप भी नहीं रखा क्या?” स्टेडियम में लोग नारेबाजी करते. सोशल मीडिया पर #BCCIFail ट्रेंड करने लगता. कमेंटेटर्स भी मौके का फायदा उठाते.
न्यूजीलैंड में सब शांतिपूर्वक निपट गया. वहां न कोई चिल्लाया, न बहस हुई. लेकिन भारत में होता तो ये लाइट बंद होने की बात सुर्खियां बन जाती. फैंस इसे हंसी-मजाक का मौका बना लेते. BCCI को कोसते. एशिया में क्रिकेट का प्यार ऐसा है कि हर छोटी चीज बड़ी बन जाती है. न्यूजीलैंड की शांति और भारत की हंगामेदारी में यही फर्क है. वहां खेल रुका और चला, यहां खेल के साथ-साथ कहानी बन जाती. खैर, न्यूजीलैंड जीत गया, लेकिन ये लाइट्स वाली बात लंबे वक्त तक याद रहेगी.