पीएम मोदी ने तकनीकी क्षेत्र में भी भारत की बढ़त का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "हम भारत को गेमिंग का हब बनाना चाहते हैं." इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भारत के एआई मिशन को लेकर पूरी दुनिया बहुत आशावादी है.
वहीं, चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पार्टी की जीत का दावा किया. मनोज
अब, आप सोच रहे होंगे, “क्या खास है इसमें?” खैर, दिल्ली का मिडल क्लास अपनी मेहनत से खूब कमाता है, लेकिन टैक्स की चपत भी कम नहीं. इस बार, टैक्स स्लैब्स में बदलाव और छूट के जरिए बीजेपी ने इस वर्ग को अपना संदेश दिया है – हम तुम्हारे साथ हैं!
ओवैसी ने आगे कहा, "इनकी जेल यात्रा आम लोगों के लिए एक मिसाल बन गई है, जहां अपराधी सजा से बचने के लिए विभिन्न रणनीतियां अपनाते हैं. इन नेताओं को न्याय क्यों मिल जाता है, जबकि उनके जैसे सामान्य लोगों को कड़ी सजा मिलती है, यह एक बड़ा सवाल है."
जैसे-जैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, इस तरह के आरोप और पलटवार चुनावी माहौल को और भी गर्माते जा रहे हैं. केजरीवाल के आरोप ने न केवल हरियाणा सरकार को घेरने की कोशिश की, बल्कि दिल्ली के वोटर्स के बीच भी यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP के नेता अरविंद केजरीवाल ने 'केजरीवाल की पक्की गारंटी' का नारा देते हुए 15 गारंटियों का ऐलान किया है, और दावा किया है कि यह सब सिर्फ वादा नहीं, बल्कि उनके इरादे हैं.
सीएम योगी (Yogi Adityanath) के बयान पर अब दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने पलटवार किया है और सीएम योगी के बयान के सहारे दिल्ली की कानून व्यवस्था पर तंज कसा है.
इस बयान ने चुनावी रंग को और गहरा कर दिया है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता इस सियासी ड्रामे को कैसे लेती है. आखिरकार, जब राजनीति और धर्म की जोड़ी बनती है, तो चुनावी खेल का मिजाज ही बदल जाता है!
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि जब वह जेल में थे, तब उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने न सिर्फ घर, बल्कि पार्टी की बागडोर भी संभाली. केजरीवाल ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी टूटने से बची, तो इसका 90% श्रेय सुनीता को जाता है, क्योंकि उस समय उन्हें राजनीति का कोई खास अनुभव नहीं था.
दिल्ली की सड़कों पर रोज़ाना लाखों ऑटो ड्राइवर्स, सिर्फ सवारी नहीं ढोते, बल्कि राजनीतिक दिशा भी तय करते हैं. ये ड्राइवर्स न सिर्फ सवारी से चुनावी मुद्दों पर गपशप करते हैं, बल्कि उनके द्वारा जुटाया गया फीडबैक सीधे नेताओं तक पहुंचता है. अगर ये ऑटो ड्राइवर्स किसी पार्टी का समर्थन कर दें, तो उस पार्टी की जीत की रफ्तार तेज हो जाती है.