दिलचस्प यह है कि इस बार फलोदी सट्टा बाजार ने कांग्रेस पार्टी को चुनावी मुकाबले से बाहर होते हुए दिखाया है. पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस को लेकर बाजार के अनुमानों में हलचल बनी रहती थी, लेकिन इस बार कांग्रेस की स्थिति सट्टा बाजार में बेहद कमजोर मानी जा रही है.
वहीं, चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पार्टी की जीत का दावा किया. मनोज
अब, आप सोच रहे होंगे, “क्या खास है इसमें?” खैर, दिल्ली का मिडल क्लास अपनी मेहनत से खूब कमाता है, लेकिन टैक्स की चपत भी कम नहीं. इस बार, टैक्स स्लैब्स में बदलाव और छूट के जरिए बीजेपी ने इस वर्ग को अपना संदेश दिया है – हम तुम्हारे साथ हैं!
Delhi Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- "आज कल हम देख रहे हैं कि कैसे दिल्ली में वोटिंग से पहले ही झाड़ू के तिनके बिखर रहे हैं, 'आप-दा' के नेता पार्टी छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि लोग आपदा से नफरत करते हैं.
बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों में भावना गौड़, मदन लाल, गिरीश सोनी, राजेष ऋषि, बीएर जून, पवन शर्मा, रोहित मेहरोलिया और नरेश यादव शामिल हैं.
Delhi Election: PM मोदी ने CAG रिपोर्ट पर AAP को निशाना बनाया. उन्होंने कहा- "AAP-दा वालों ने दिल्ली को अपनी राजनीति चमकाने का ATM बना लिया है. इन लोगों ने दिल्ली का पैसा निचोड़ लिया है, लूट लिया है. CAG रिपोर्ट में AAP-दा का पुरा हिसाब है. AAP-दा वालों को दिल्ली के लोगों का पैसा लौटना होगा.
Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजधानी की सियासत में हलचल और तेज़ होती जा रही है. इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपनी 26 साल की सत्ता से बाहर रहने की लंबी कहानी को खत्म करने के लिए पूरी ताकत से मैदान में उतरी है. […]
दिल्ली के चुनावी इतिहास में भारतीय जनता पार्टी आज तक जंगपुरा की विधानसभा सीट पर अपना परचम नहीं लहरा पाई है. 1993, 1998, 2003 और 2008 के चुनावों में जहां कांग्रेस ने इस सीट पर झंडे गाड़े थे वहीं 2013, 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी.
दिल्ली विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाता जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज दिल्ली में रैली करेंगे.
जैसे-जैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, इस तरह के आरोप और पलटवार चुनावी माहौल को और भी गर्माते जा रहे हैं. केजरीवाल के आरोप ने न केवल हरियाणा सरकार को घेरने की कोशिश की, बल्कि दिल्ली के वोटर्स के बीच भी यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है.