Holi 2025: क्या आप रंगों के त्योहार होली को मनाने के पीछे का वैज्ञानिक कारण जानते हैं?
Holi 2025: छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में विशेष माझी जनजाति के द्वारा शादी के अवसर पर कीचड़ की होली खेली जाती है और यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है इस जनजाति के लोग बारात का स्वागत के लिए कीचड़ में लेटना शुरू कर देते हैं और एक दूसरे पर कीचड़ डालते हैं.
होली के जुलूस में आने वाली जामा मस्जिद सहित 21 मस्जिदों पर लेखपालों की तैनाती की गई है.
Holi 2025: इस परंपरा को होलिका दहन के दिन निभाया जाता है. होलिका की विधि विधान से पूजा की जाती है. इस कार्यक्रम में सभी ग्रामीण शामिल होते हैं
Holi 2025: मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के क्षेत्र में 'फाग' उत्सव मनाया जाता है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश और बिहार में भी फाग गाया जाता है
Holi 2025: देशभर में 14 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा. वहीं छत्तीसगढ़ में कई गांव ऐसे है, जहां होली के एक हफ्ते पहले ही होली का त्योहार मनाया जाता है. प्रदेश के अमरपुर और सेमरा गांव में ये परंपरा कई सालों से चली या रही है.
बरसाने की लट्ठमार होली पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है. बता दें कि इस परंपरा की शुरुआत भगवान कृष्ण और राधा रानी ने की थी.
चांदनी चौक के भागीरथ पैलेस में हर साल होली के मौके पर एक गधा यात्रा का आयोजन किया जाता था. इस यात्रा में गधे पर एक व्यक्ति को बैठाया जाता था, जिसे पूरे चांदनी चौक और आसपास के इलाकों में घुमाया जाता था.
Indore Gair: हर साल गेर में नए-नए प्रयोग किए जाते हैं. खुशबू वाले पानी को बनाने के लिए फूलों का इस्तेमाल किया जाता है
Holika Dahan 2025: सनातन धर्म में होलिका दहन का बहुत महत्व है. मान्यता है कि इस दिन सही विधि से पूजा करने से जीवन में परेशानियों से छुटकारा मिलता है और सुख-समृद्धि का आगमन होता है.