Indian Coast Guard: 6 ACV के अनुबंध के तहत बनाए जा रहे एयर कुशन वाहन ब्रिटेन के ग्रिफॉन होवरवर्क डिजाइन पर आधारित हैं, जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया जाएगा.
Indian Coast Guard: बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. दोनों देशों ने समुद्री खोज और बचाव (SAR), समुद्री कानून प्रवर्तन (MLE), समुद्री प्रदूषण से निपटने (MPR) और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया.
इस MoU का एक खास हिस्सा है छोटे उद्यमियों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना. IRMRI का इनक्यूबेशन सेंटर 'ARISE' स्टार्टअप्स और MSMEs को मौका देगा कि वे रबर प्रोडक्ट्स के लिए नए आइडियाज़ लाएं. तटरक्षक बल अपनी ज़रूरतें IRMRI को बताएगा, और IRMRI भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर स्वदेशी समाधान निकालेगा.
'समुद्र प्रचेत' अत्याधुनिक प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों से लैस है, जिसमें तेल रिसाव का पता लगाने के लिए रडार, तेल की सफाई के लिए साइड स्वीपिंग आर्म्स, तेल डिस्पर्सेंट, स्प्रे सिस्टम और डेडिकेटेड रिकवरी टैंक शामिल हैं.
भारतीय तटरक्षक बल ने 10 जुलाई को एक तेज़ और सफल रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया और संकट में फंसी अमेरिकी नौका 'Sea Angel' के दो क्रू मेंबर्स को सुरक्षित बचा लिया.
यह क्वाड समुद्री तटरक्षक एजेंसियों- भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी), जापान तटरक्षक बल (जेसीजी), संयुक्त राज्य तटरक्षक बल (यूएससीजी) और ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल (एबीएफ) के बीच अपनी तरह की पहली पहल है.
ICG के मुताबिक समुद्र में किसी तरह का ऑयल स्पिल या केमिकल लीक अब तक रिपोर्ट नहीं हुआ है, लेकिन निगरानी लगातार जारी है.
डीजी परमेश शिवमणि ने इस मौके पर कहा, “यह जेटी हमारे तटीय सुरक्षा ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में एक मील का पत्थर है. यह सुविधा न केवल तेज़ प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगी, बल्कि हमारे समुद्री हितों की रक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगी.”
Indian Coast Guard: ICG और हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स ने मिलकर समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया संगोष्ठी और कार्यशाला का आयोजन किया.
Indian Coast Guard: ICG ने ऑलिव रिडले कछुओं को बचाने के लिए ‘ऑपरेशन ओलिविया’ चलाया. इसके जरिए ना सिर्फ कछुओं को बचाने का प्रयास है बल्कि समुद्री पर्यावरण को संरक्षित करने का काम भी किया जा रहा है.