Maharashtra Civic Polls Alliance: महाराष्ट्र में कट्टर विरोधी उद्धव ठाकरे-शिंदे गुट के साथ और अजित पवार-शरद गुट के साथ नजर आए. अब इसके कई कयास निकाले जा रहे हैं.
Maharashtra BJP parivarvad: नांदेड़ में स्थानीय निकाय चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा एमपी अशोक चव्हाण की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
Maharashtra Politics: रायगढ़ शिवसेना का गढ़ माना जाता है. शिंदे गुट यहां खुद को असली शिवसेना बताता रहा है. लेकिन अब अजित का उद्धव से हाथ मिलाना शिंदे के लिए बड़ा झटका है. क्योंकि वोट बंटेगा, अजित के कार्यकर्ता अब उद्धव के पक्ष में प्रचार करेंगे. इतना ही नहीं, शिंदे गुट को अब अकेले ही सारी सीटें संभालनी होंगी.
Maharashtra Crime: डॉक्टर ने अपनी हथेली पर लिखा, "मेरी मौत का कारण सब-इंस्पेक्टर गोपाल बडने हैं, जिन्होंने मेरा बलात्कार किया." इसके अलावा, उनके चार पन्नों के सुसाइड नोट में कई गंभीर आरोप हैं. बीड जिले की रहने वाली यह डॉक्टर पिछले 23 महीनों से फलटण में कार्यरत थीं और ग्रामीण क्षेत्र में अपनी सेवा पूरी करने वाली थीं.
Surekha Yadav: 36 साल भारतीय रेलवे में सेवा देने के बाद सुरेखा यादव 30 सितंबर 2025 को रिटायर हो रही हैं. रिटायर के बाद अब अपना पूरा समय परिवार के साथ बिताएंगी.
MLA's Salary in India: क्या आप जानते हैं कि आपके क्षेत्र के विधायक को हर महीने कितनी सैलरी मिलती है? जानिए देश के किस राज्य के विधायकों को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है.
Maharashtra: महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे विधान परिषद के मानसून सत्र के दौरान अपने मोबाइल फोन पर ऑनलाइन रमी खेलते नजर आए.
यह कोई पहली घटना नहीं है. इस महीने की शुरुआत में ठाणे में MNS कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार को सिर्फ इसलिए थप्पड़ मारे थे, क्योंकि उसने पूछ लिया था कि मराठी बोलना क्यों जरूरी है. कुछ दिन बाद मुंबई के विखरोली में भी एक दुकानदार पर हमला हुआ था. इन घटनाओं ने महाराष्ट्र में भाषा के मुद्दे को और हवा दे दी है.
इस भाषा विवाद में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) सबसे आगे है. उनकी पार्टी अक्सर दूसरे राज्यों से आए लोगों को मराठी बोलने के लिए धमकाती रही है. उनका मानना है कि महाराष्ट्र में रहने वाले हर किसी को स्थानीय भाषा बोलनी चाहिए.
भले ही आज राज ठाकरे की मनसे कमजोर दिख रही हो, लेकिन उनकी मराठी अस्मिता की राजनीति अभी भी कुछ इलाकों में असर रखती है. फडणवीस सरकार शायद नहीं चाहती कि राज ठाकरे को और उकसाकर इस मुद्दे को और बड़ा किया जाए, खासकर तब जब उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) भी इस मुद्दे पर उनके साथ खड़ी है.