ममता ने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, 'अगर एसआईआर का उद्देश्य घुसपैठियों को रोकने के लिए है तो फिर इसे बीजेपी शासित राज्यों में क्यों किया जा रहा है. ये देशव्यापी बीजेपी की चाल है.'
कोलकाता के धर्मतला में हो रही इस महारैली में 1 लाख से ज़्यादा लोगों के जुटने की उम्मीद है. धर्मतला ममता के लिए भावनात्मक रूप से बहुत महत्वपूर्ण जगह है, क्योंकि यहीं पर 1993 में वो खूनी संघर्ष हुआ था. हालांकि, इस बार रैली को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में मामला भी गया था.
अमित शाह ने ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, "दीदी, आपने बंगाल की महान भूमि को भ्रष्टाचार, घुसपैठ और हिंसा का गढ़ बना दिया. बंगाल के गौरवशाली इतिहास को आपने तार-तार कर दिया."
Uttar Pradesh: यूपी सरकार के मंत्री रघुराज सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विवादित बयान दिया है. रघुराज सिंह ने विवादास्पद बयान देते हुए ममता बनर्जी को 'तड़का' बताया है.
सुवेंदु ने ममता पर तंज कसते हुए कहा, “पिछले साल 2023 में आपके ‘शांति के लड़ाकों’ ने राम नवमी के जुलूसों पर हमले किए थे. अब हिंदू समाज ने ठान लिया है कि इस बार सड़कों पर उतरकर जय श्री राम के नारे लगाएंगे. हर गाड़ी पर भगवा झंडा लहराएगा.”
मंगलवार को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ पर ममता बनर्जी ने ऐसा बयान दिया, जिससे सियासी हलचल बढ़ गई.
सीएम ममता ने तंज कसते हुए कहा, "महाकुंभ का सम्मान मैं करती हूं, पवित्र गंगा का भी, लेकिन यहां कोई ठोस योजना नजर नहीं आ रही. कुछ वीआईपी के लिए 1 लाख रुपये तक के कैंप्स हैं, जबकि गरीबों के लिए कोई ध्यान नहीं."
गठबंधन में नेतृत्व को लेकर यह विवाद कांग्रेस पार्टी के लिए नई चिंता का विषय बन गया है. पिछले लोकसभा चुनावों में जहां कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ मजबूत स्थिति बनाई थी, वहीं कुछ राज्यों जैसे हरियाणा और महाराष्ट्र में पार्टी के प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली.
टीएमसी ने जहां अपने उपचुनावों में शानदार जीत हासिल की है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को एक-एक कर मुंह की खानी पड़ी. जब कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी जमानत तक खो दी, तो ममता ने यह साफ कर दिया कि उन्हें अपनी पार्टी की बढ़ती ताकत और BJP के खिलाफ एक सशक्त विपक्ष की जरूरत है.
पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन बीजेपी से मुकाबला करना आसान नहीं था. इस दौरान कांग्रेस ने ममता को समर्थन दिया, लेकिन कांग्रेस के अपने नेता राहुल गांधी ने बंगाल में रैलियां करने से मना कर दिया.