“सियासत के चतुर खिलाड़ी हैं केजरीवाल”, BJP में शामिल होने के बाद पहली बार खुलकर बोले कैलाश गहलोत
Kailash Gahlot: दिल्ली के पूर्व परिवहन मंत्री और अब BJP के सदस्य कैलाश गहलोत ने हाल ही में एक बयान में AAP और उसके नेता अरविंद केजरीवाल पर अपनी राय दी. गहलोत ने केजरीवाल को एक सियासी रूप से बेहद चतुर और सक्षम नेता बताया, जो राजनीतिक रणनीति को अच्छे से समझते हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के वर्तमान स्वरूप में वह आदर्श और विचारधारा नहीं रही, जिसके तहत इसे स्थापित किया गया था. उनका कहना था कि पार्टी के मूल सिद्धांतों से भटकाव और वादों को पूरा करने में विफलता के कारण उन्होंने AAP को छोड़ने का निर्णय लिया.
सीएम पद की दौड़ से बाहर हूं: कैलाश गहलोत
गहलोत ने खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताते हुए यह कहा कि यदि पार्टी ने उनके नाम पर विचार किया, तो यह उनके लिए सम्मान की बात होगी. हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि पार्टी ने कभी भी मुख्यमंत्री पद के लिए किसी विशेष व्यक्ति का नाम तय नहीं किया था. उनका मानना है कि यह फैसला पार्टी का होगा और यदि उन्हें यह मौका मिलता है तो वह इसे खुशी से स्वीकार करेंगे.
गहलोत ने पार्टी छोड़ने के पीछे की वजह को स्पष्ट करते हुए कहा कि AAP की विचारधारा समय के साथ बदल गई और उनके सिद्धांतों से भटकाव हुआ. उन्होंने विशेष रूप से “शीश महल” का जिक्र किया , जिसे उन्होंने पार्टी के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया. गहलोत ने कहा कि पहले सादगी के प्रतीक के रूप में पहचाने जाने वाले केजरीवाल अब उसी राह पर नहीं चल रहे हैं.
इसके अलावा, जब गहलोत से यह सवाल पूछा गया कि क्या बीजेपी नेताओं पर दबाव बनाने के लिए सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग करती है, तो उन्होंने इसका सीधा जवाब देते हुए कहा कि राजनीति में दबाव और चुनौतियां हर पार्टी में होती हैं. यह पूरी तरह से व्यक्ति की क्षमता पर निर्भर करता है कि वह इन दबावों का कैसे सामना करता है.
देश को सही दिशा में ले जा रही है बीजेपी: गहलोत
गहलोत ने यह भी कहा कि उन्होंने बीजेपी इसलिए जॉइन की, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह पार्टी देश को सही दिशा में ले जा रही है. उनका कहना था कि उनका सार्वजनिक जीवन एक खुली किताब की तरह है और उन्होंने जो भी निर्णय लिया है, वह सोच-समझ कर लिया है.
हालांकि, गहलोत ने यह भी कहा कि वह आज भी अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य नेताओं का सम्मान करते हैं. उनका मानना है कि राजनीति में आलोचना और व्यक्तिगत दुश्मनी की कोई जगह नहीं होनी चाहिए, और उनकी कार्यशैली हमेशा रचनात्मक और सकारात्मक रहेगी.