MP News: Rewa में लगातार बढ़ रही है मिलावटी खाद्य पदार्थों की आवक, लोगों की जान से हो रहा खिलवाड़
MP News: विंध्य के कई शहरों में एक बार फिर मिलावटी खाद्य पदार्थों की आवक बढ़ गई है. यह मिलावटी सामग्री वैवाहिक आयोजनों में अधिक मात्रा में खर्च हो रही है, जिस पर प्रशासन का ध्यान नहीं है. बड़े कार्यक्रमों में इसी मिलावटी सामग्री का सेवन भी लोग कर रहे है. यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लेकिन तत्कालिक रूप से लोग इसका सेवन करते जा रहे हैं.
कुछ महीने पहले शहर में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने अभियान चलाकर जांच किया था. इसमें कई स्थानों पर मिलावटी सामग्री बनाने के कारखाने पकड़े गए थे. कुछ कनकारक लिए करती के चलते मिलावटी खाद्य पदार्थों की आवक कम हुई थी, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई जैसे ही रुकी, धीरे-धीरे मिलावट माफिया ने अपना काम फिर से शुरू कर दिया है. इन दिनों वैवाहिक आयोजन शुरू हो गए हैं. इसके चलते हर कार्यक्रम में पनीर, खोवा, दही, घी, लड्डू, मिठाइयों आदि की खपत अधिक होती है. इन्हीं पदार्थों में मिलावट भी अधिक मात्रा में होती है, पहले हुई कार्रवाई से इसकी पुष्टि भी हो चुकी है. शहर के नजदीक जोरी में कुछ समय पहले ही एक बड़ा कारखाना पकड़ा गया था. जहां पर दूध का किसी तरह का उपयोग किए बिना ही मावा बनाया जा रहा था.
इन दिनों रीवा में सरकारी उपक्रमों में जांच की जा रही है. इसमें छात्रावासों और अस्पतालों में उपयोग होने वाली खाद्य सामग्री का परीक्षण किया जा रहा है। कई जगह छात्रावासों में यह बात सामने आई है कि शुद्ध पानी की कमी देखी जाती है.
बन रही मिलावटी सामान की सामग्री
शहर में तो मिलावटी खाद्य सामग्री बनाई ही जा रही है लेकिन पूर्व में हुई कार्रवाई के चलते यह सीमित मात्रा में है. इनदिनों दूसरे शहरों से मंगाकर बेचा जा रहा है. कार्रवाई से बचने के लिए दूसरे सामानों के साथ और पनीर बनाया जा रहा था. जहां से मशीनें और सामग्री जब्त की गई.
छात्रावासों का परीक्षण करने शुरू हुआ अभियान
हैंडपंपों के पानी का उपयोग कई स्थानों पर पाया गया है। निर्धारित मानकों के अनुसार किचन नहीं बनाए गए हैं. साथ ही जो खाद्य सामग्री उपयोग की जा रही है उसकी गुणवत्ता भी खराब है। इन सबकी जांच की जा रही है और छात्रावास में भी सामग्रियों के साथ पानी की भी जांच की जा रही है.
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अलग-अलग शहरों से आ रही शिकायतें
कुछ दिन पहले ही जबलपुर से आई एक बस से मछली के तीन कंटेनरों में पनीर लाया गया था. जांच के बाद पता चला कि इसमें मछलियां नहीं बल्कि पनीर रखा है. ऐसे ही रतहरा में मिलावटी लड्डू बनाने का कारखाना मिला.
ग्रामीण क्षेत्रों में भेजी जा रही सामग्री
मिलावटी खाद्य पदार्थों का कारोबार करने वालों में ग्रामीण क्षेत्र पर अधिक फोकस कर रखा है. इसकी वजह यह होती है कि सस्ता दाम होने की वजह से लोग इसे खरीदते हैं और गुणवत्ता पर सवाल कम ही उठाते हैं. साथ ही रीवा से भेजने वालों के लिए भी यह तर्क होता है कि पहुंचते- पहुंचते खराब हो गई है. इसके अलावा रीवा शहर में बारातघरों को सीधे सामग्री उपलब्ध कराई जाती है. साथ ही दुकानों में भी इसे बेचा जा रहा है. सैंपलिंग की जा रही है. कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा है कि स्व सहायता समूहों और आगनबाड़ी में भी जांच कराएं ताकि बच्चों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता सुधारी जा सके.
मिलावट पर कार्रवाई की जा रही है
मिलावटी खाद्य पदार्थों पर जा रही है. पूर्व में लिए गए कई सेंपल की रिपोर्ट आई है, जिसमें वह फेल रहे हैं. इस कारण संबंधितों को नोटिस देकर अगली कार्यवाही शुरू की जा रही है. इनदिनों छात्रावासों की जांच की जा रही है, अधिकांश जगह पानी की समस्या है, साथ ही किचन भी मानक के अनुरूप नहीं हैं। रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप रहे हैं. बताया गया है कि जबलपुर, कटनी, सतना, नागौद, शंकरगढ़ आदि स्थानों से सबसे अधिक पनीर एवं मावा आ रहा है.