विस्तार न्यूज़ की खबर का बड़ा असर; करोड़ों के शराब घोटाले में HC का EOW को निर्देश, 6 हफ्ते में जांच पूरी कर रिपोर्ट दें
रीवा, सिंगरौली में विस्तार न्यूज की खबर का बड़ा असर दिखा है. फर्जी बैंक गारंटी दिखाकर लोन लेने के मामले में हाईकोर्ट ने EOW को 6 हफ्ते में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.
Rewa-Singrauli Liquor Scam : करोड़ों के शराब घोटाले में विस्तार न्यूज़ की खबर का बड़ा असर देखने को मिला है. रीवा और सिंगरौली में फर्जी बैंक गारंटी बनाकर लोन लेने के मामले में हाईकोर्ट ने EOW को निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने 6 हफ्ते में मामले में रिपोर्ट मांगी है. करोड़ों के घोटाले के मामले में विस्तार न्यूज़ ने अपने खास कार्यक्रम में प्रमुखता से खबर दिखाई थी.
विस्तार से जानिए क्या है मामला
विस्तार न्यूज़ जो आपको खबरें दिखाता है इसका खासा असर भी देखने को मिलता है. 10 मार्च को विस्तार न्यूज़ ने खास कार्यक्रम ‘विस्तार विशेष’ में एक खबर दिखाई थी. जिसमें रीवा और सिंगरौली के मोरवा सहकारी बैंक में फर्जी बैंक गारंटी बना कर करोड़ों रुपये के घोटाले को हाईलाइट किया था. घोटाले को लेकर याचिकाकर्ता बीके माला ने शिकायत की थी. जांच ईओडब्ल्यू के द्वारा की जा रही थी. जिसमें ईओडब्ल्यू के जांच के बाद अब न्यायालय ने भी आदेश दिया है.
फर्जी बैंक गारंटी से शराब लाइसेंस जारी किया
रीवा में फर्जी बैंक गारंटी से शराब लाइसेंस जारी किया गया था. लंबे समय से यह मामला लंबित था विस्तार न्यूज़ ने जब इस खबर को प्रमुखता के साथ उठाया तो ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद हाईकोर्ट ने भी पूरे मामले को संज्ञान में ले लिया. हाईकोर्ट ने रीवा के फर्जी बैंक गारंटी से शराब लाइसेंस जारी होने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा को 6 सप्ताह में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही जानकारी याचिका करता बीके माला को देने के लिए कहा है.
EOW से शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
शिकायतकर्ता बीके मामला ने बताया, ‘रीवा और सिंगरौलीकरीब 16 करोड रुपये की फर्जी बैंक गारंटी देकर कई लोगों ने शराब बेचने का लाइसेंस मिला था. साल 2022-23 के लिए जिले की 15 जगहों के लिए शराब दुकानों की निविदा बुलाई थी. नियम के तहत राष्ट्रीयकृत एवं ग्रामीण बैंक की गारंटी देनी होती है. 6 लोगों ने नियम के खिलाफ सहकारिता बैंक से फर्जी दस्तावेज के आधार पर बैंक गारंटी पर ठेका ले लिया था. मामले में जब EOW से शिकायत की गई. जिसके बाद EOW ने बताया कि जांच के दौरान असिस्टेंट कमिश्नर आबकारी को समन जारी कर उनके बयान दर्ज किए गए. लेकिन मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. लेकिन जब विस्तार न्यूज़ ने प्रमुखता से खबर को दिखाया तो मामले में हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया है.