अब हवाई टिकट कैंसिल करने पर तुरंत मिलेगा रिफंड, DGCA ला रहा है यात्रियों के हक में 7 बड़े बदलाव

DGCA New Refund Rules: ये सभी प्रस्ताव हवाई यात्रियों के लिए एक बड़ी जीत की तरह हैं. DGCA का मकसद एयरलाइंस की मनमानी पर लगाम लगाना और रिफंड प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है. अगर आप भी इस प्रस्ताव पर कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो 30 नवंबर 2025 तक DGCA को दे सकते हैं.
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Flight Ticket Refund Rules: क्या आपने कभी फ्लाइट टिकट कैंसिल किया है और रिफंड के लिए महीनों इंतजार करना पड़ा है? अगर हां, तो अब आपकी यह परेशानी खत्म होने वाली है. हवाई यात्रियों की लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर टिकट रिफंड के नियमों में बड़े बदलाव का प्रस्ताव दिया है. ये नए नियम यात्रियों के हित में हैं और एयरलाइंस की मनमानी पर लगाम लगाएंगे.

DGCA ने इन नए नियमों का मसौदा जारी कर दिया है और 30 नवंबर 2025 तक जनता से इस पर सुझाव मांगे हैं. अगर ये प्रस्ताव लागू हो जाते हैं, तो आपकी हवाई यात्रा पहले से कहीं ज्यादा टेंशन-फ्री हो जाएगी.

ये हैं 7 बड़े प्रस्तावित बदलाव

नए ड्राफ्ट में यात्रियों को शीघ्र रिफंड और कैंसिलेशन फीस में राहत देने के लिए 7 अहम प्रस्ताव शामिल किए गए हैं.

कैश टिकट: अगर आपने टिकट कैश देकर खरीदा है, तो कैंसिल करने पर आपको तुरंत रिफंड मिलेगा.

क्रेडिट कार्ड टिकट: क्रेडिट कार्ड से खरीदे गए टिकट का पैसा 7 कार्य दिवसों के भीतर वापस करना एयरलाइंस के लिए अनिवार्य होगा. पहले ऐसी कोई समय-सीमा तय नहीं थी, जिसके कारण यात्रियों को महीनों इंतजार करना पड़ता था.

अब टिकट कैंसिल होने पर यूजर डेवलपमेंट फीस (UDF), पैसेंजर सर्विस फीस (PSF) और पैसेजर वेज्ड फीस जैसी सभी टैक्स और फीस की पूरी राशि लौटानी होगी. पहले एयरलाइंस ये पैसे लौटाने से बचती थीं, जिससे यात्री को नुकसान होता था.

यात्री टिकट बुक करने के 48 घंटे के भीतर बिना किसी शुल्क या मनमानी कटौती के टिकट कैंसिल या रिशेड्यूल कर सकेंगे. इसे ‘लुक-इन ऑप्शन’ कहा गया है. हालांकि, यह सुविधा हर टिकट पर लागू नहीं होगी. यह उन्हीं टिकटों पर मिलेगी जिनकी घरेलू उड़ान 5 दिन बाद की हो और अंतर्राष्ट्रीय उड़ान 15 दिन बाद की हो.

48 घंटे बीतने के बाद सामान्य कैंसिलेशन फीस देनी होगी.

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अगर टिकट किसी ट्रेवल एजेंट या ऑनलाइन पोर्टल से बुक किया गया है, तो भी रिफंड की जिम्मेदारी एयरलाइन की होगी. उन्हें 21 कार्य दिवसों के भीतर रिफंड देना होगा. अगर यात्री बुकिंग के 24 घंटे के भीतर नाम में गलती बताता है और टिकट सीधे एयरलाइन की वेबसाइट से बुक हुआ है, तो नाम सुधार के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा.

अगर कोई यात्री मेडिकल इमरजेंसी के कारण टिकट कैंसिल करता है, तो एयरलाइन कंपनी या तो टिकट का पूरा रिफंड देगी या एक क्रेडिट शेल (वाउचर) जारी करेगी, जिसे यात्री बाद में इस्तेमाल कर सकता है. एयरलाइंस अब यात्री की बिना अनुमति के क्रेडिट शेल या वाउचर जारी नहीं कर पाएंगी. रिफंड देना ही अनिवार्य होगा, जब तक कि यात्री खुद वाउचर न चुने.

ये सभी प्रस्ताव हवाई यात्रियों के लिए एक बड़ी जीत की तरह हैं. DGCA का मकसद एयरलाइंस की मनमानी पर लगाम लगाना और रिफंड प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है. अगर आप भी इस प्रस्ताव पर कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो 30 नवंबर 2025 तक DGCA को दे सकते हैं.

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