Chrome और Gemini के इस अपडेट से हो जाएं सावधान! वरना लीक हो सकती है आपकी जानकारी, ऐसे करें बचाव

Chrome Gemini AI features: गूगल के अनुसार, “Gemini in Chrome केवल तभी एक्टिव होता है जब आप इसे खुद इस्तेमाल करें.” वहीं रिपोर्ट में सामने आया है कि जैसे ही हम इसका इस्तेमाल करते हैं तो हमारी जानकारी कंपनी तक पहुंच जाती है.
Google Chrome Gemini update 2025 phone tracking changes

गूगल क्रोम अपडेट

Google Chrome Gemini Update: Chrome और Gemini ने यूजर एक्सपीरियंस बेहतर करने के उद्देश्य से इंटीग्रेशन किया है. वहीं हाल ही में इस इंटीग्रेशन को लेकर एक टेक कंपनी ने चेतावनी दी है. कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि गूगल का क्रोम ब्राउज़र आपके स्मार्टफोन से नाम, लोकेशन, डिवाइस आईडी, ब्राउज़िंग हिस्ट्री जैसी संवेदनशील डेटा इकट्ठा कर रहा है.

सुरक्षित नहीं है आपकी जानकारी

Surfshark की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल क्रोम और Gemini का इंटीग्रेशन अपडेट यूजर्स के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है. इस अपडेट के बाद से क्रोम और Gemini सीधे तौर पर यूजर्स का 24 तरह का डेटा इकट्ठा करेगा जो किसी भी अन्य AI ब्राउज़र से कहीं ज्यादा है. इसके मुकाबले Microsoft Edge और Copilot मिलकर केवल आधा डेटा ट्रैक करते हैं. वहीं Perplexity, Opera और Brave जैसे ब्राउज़र बहुत कम जानकारी इकट्ठा करते हैं.

गूगल का दावा झूठा?

गूगल के अनुसार, “Gemini in Chrome केवल तभी एक्टिव होता है जब आप इसे खुद इस्तेमाल करें.” वहीं रिपोर्ट में सामने आया है कि जैसे ही हम इसका इस्तेमाल करते हैं तो हमारी जानकारी कंपनी तक पहुंच जाती है. साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार, हमारे द्वारा अपलोड की हर गई फोटो में आपके चेहरे की बायोमेट्रिक जानकारी, GPS लोकेशन, डिवाइस डिटेल और सोशल नेटवर्क पैटर्न जैसी बेहद संवेदनशील जानकारी छिपी होती है. Gemini और Nano Banana जैसे “फ्री टूल्स” इसी जानकारी का इस्तेमाल करते हैं और इसी तरह आपका डेटा कंपनी और अन्य प्लेटफॉर्म के पास जाता है.  

Apple ने दी बचने की सलाह

Apple ने अपने यूजर्स के डाटा को सेफ रखने के लिए अपने Safari ब्राउज़र पर डिफॉल्ट रूप से एंटी-फिंगरप्रिंटिंग टेक्नोलॉजी लागू कर दी है. जिससे आपकी जानकारी सुरक्षित रहेगी. लेकिन अगर आप iPhone में Chrome का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी जानकारी लीक होने का खतरा होता है. इसी कारण से एप्‍पल ने अपने यूजर्स से Safari Browser इस्तेमाल करने की सलाह दी है.

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डेटा कलेक्शन से बचने के उपाय

अगर आप क्रोम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कुछ सेटिंग्स करके कई हद तक अपने डेटा को सेफ कर सकते है. इसके लिए क्रोम की Settings टैब में AI innovations में जाएं और Gemini in Chrome में जाकर इसकी एक्टिविटी चेक करें. “Gemini Apps Activity” में डेटा सेविंग को 72 घंटे से ज्यादा न होने दें. वहीं लोकेशन और कैमरा जैसी परमिशन को जरूरी ऐप्‍स पर ही परमिशन दें.

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