इंदौर-मनमाड़ रेललाइन के लिए 19 गांवों की जमीन का अधिग्रहण, रेल मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

Indore-Manmad Rail Line: किसान नेता हंसराज मंडलोई ने बताया कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के निर्माण के लिए महाराष्ट्र सरकार जमीन की चार गुना मुआवजा दे रही है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार आदिवासी किसानों से जमीन लेकर केवल दोगुना ही मुआवजा दे रही है.
Indore manmad rail line

इंदौर-मनमाड़ रेललाइन के लिए 19 गांवों की जमीन का अधिग्रहण

Indore-Manmad Rail Line: रेल मंत्रालय ने मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र तक प्रस्तावित इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी है. इस सूचना के साथ ही परियोजना के मार्ग में आने वाली जमीनों के अधिग्रहण को लेकर दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए 30 दिनों का समय तय किया गया है. वहीं इस रेल लाइन के निर्माण के लिए इंदौर जिले की 19 गांवों की निजी और सरकारी जमीन अधिग्रहित की जाएगी.

एमपी सरकर कम मुआवजा दे रही है

किसान नेता हंसराज मंडलोई ने बताया कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के निर्माण के लिए महाराष्ट्र सरकार जमीन की चार गुना मुआवजा दे रही है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार आदिवासी किसानों से जमीन लेकर केवल दोगुना ही मुआवजा दे रही है, जो गलत है और यह आपसी असमानता को दर्शाता है.

महू क्षेत्र के 18 गांव होंगे प्रभावित

इस परियोजना का निर्माण इंदौर जिले के महू (डॉ.अंबेडकर नगर) से शुरू होगा, जो महाराष्ट्र के मनमाड़ तक बनेगा. इसके अंतर्गत महू विधानसभा क्षेत्र के 18 गांवों (खेड़ी, हस्त मुरार, चैनपुरा, कमदपुर, कुवालपुरा, अहिल्यापुरा, नांदेड़, जामली, कैलोद, बेरछा, गवली पलासिया, आशापुरा, मलेंडी, कोदरिया, बोरखेड़ी, चोरड़िया और नेवगुराड़िया) की सरकारी और प्राइवेट दोनों जमीन अधिग्रहित की जाएगी. जानकारी के मुताबिक, इन गांवों के लगभग 243 आदिवासी किसानों की 131.49 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है.

रेलवे ने किया ये दावा

हंसराज मंडलोई ने बताया कि रेलवे इस परियोजना और निर्माण को जनता के लिए बहुत महत्वपूर्ण बता रहा है. वहीं विभाग ने दावा किया है कि इस रेल लाइन के बनने से इंदौर-मुंबई की दूरी करीब 250 किलोमीटर कम हो जाएगी. तमिलनाडु से दिल्ली की दूरी लगभग 680 किलोमीटर घटेगी. इसके अलावा रेलवे यह भी दावा किया है कि महू से जम्मू-कश्मीर तक सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे महू के लोगों के साथ-साथ गुजरात के यात्रियों को भी आवागमन में सुविधा होगी.

इंदौर से मुंबई जाने में 5 घंटे कम लगेगा समय

यह रेल परियोजना वर्षों के इंतजार के बाद आगे बढ़ रही है. साल 2023 में 2 करोड़ रुपये की सांकेतिक राशि के साथ मध्य प्रदेश के हिस्से में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) और सर्वेक्षण का काम किया गया था. वहीं 2024 के बजट में भी 1,000 रुपये की टोकन राशि दी थी. अब परियोजना को एक बार फिर 18 हजार 36 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है. यह नई रेल लाइन इंदौर से मुंबई तक की यात्रा को काफी आसान बना देगी. अभी इंदौर से देवास, उज्जैन, रतलाम, थांदला, दाहोद, गोधरा, वडोदरा होते हुए मुंबई जाना पड़ता है, जो कुल दूरी 828 किमी है. अब नई रेल लाइन से 188 किमी कम होंगे और सफर के दौरान 5 घंटे तक समय बचेगा.

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एमपी के 905 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण

इस परियोजना से महाराष्ट्र से कहीं ज्यादा मध्य प्रदेश को लाभ मिलने वाला है, क्योंकि 309 किमी में 170.56 किमी का हिस्सा एमपी का है. इसमें प्रदेश की कुल 905 हेक्टेयर जमीन निजी है. वहीं मध्य प्रदेश में जो 18 रेलवे स्टेशन बनने वाले हैं, उनमें से हैं महू, कैलोद, कमदपुर, झाड़ी बरोदा, सराय तालाब, नीमगढ़, चिक्तायाबड़, ग्यासपुरखेड़ी, कोठड़ा, जरवाह, अजंदी, बघाड़ी, कुसमारी, जुलवानिया, सलीकलां, वनिहार, बवादड़ और मालवा स्टेशन है.

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