बेटियों के लिए सरकार चला रही ये प्रमुख योजनाएं, जानिए फायदे
बेटियों के लिए योजनाएं
Welfare Schemes for Girls: भारत में बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकार कई तरह की स्कीम चला रही है. जिसका उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा, वित्तीय सुरक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है. समाज में आज भी बेटियों को बेटे के तुलना में कम महत्त्व दिया जाता है, कभी-कभी तो यह भेदभाव बेटी को जन्म लेने से पहले ही कोख में मारने का कारण बन जाता है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा बेटियों के लिए कई बेहतरीन योजनाएं संचालित की जा रही है.
इन योजनाओं को प्रमुख रूप से दो श्रेणी में वर्गीकृत कर सकते हैं. पहला केंद्र सरकार की योजनायें और दूसरा राज्य सरकार की योजनायें. हालाँकि कई योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी नहीं होने के कारण कई बेटियां और उनके परिवार इन योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते. यहाँ पर हम आपको प्रमुख सरकारी योजनाओं के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे मे जानकर आप उन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. आइए जानते हैं बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में
बेटियों के लिए केंद्र सरकार की योजनाएं
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी)
भारत सरकार द्वारा 2015 में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी, यह योजना शिक्षा, वित्तीय सुरक्षा और लड़कियों के खिलाफ हानिकारक प्रथाओं को खत्म करने पर केंद्रित है. इससे जनसंचार अभियान, सामुदायिक लामबंदी और हितधारक को सहयोग मिलता है. इसके तहतसछात्रवृत्ति प्रदान और स्कूलों को उन्नत किया जाता है. इसके तहत बाल विवाह और चयनात्मक गर्भपात जैसी लैंगिक बाधाओं से निपटा जाता है.
- सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई)
सुकन्या समृद्धि योजना, भारत सरकार की एक योजना है. इस योजना के तहत, बालिका के नाम पर खाता खोला जाता है. इस योजना का मकसद बालिकाओं के कल्याण को बढ़ावा देना है. इसमें 10 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं के लिए डाकघरों या अधिकृत बैंकों में खाते खोले जाते हैं. इन खातों से उच्च ब्याज दरें और आयकर लाभ मिलते हैं. इस योजना के तहत, खाते में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं.
- बालिका समृद्धि योजना (बीएसवाई)
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की बालिकाओं की सहायता के लिए 1997 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इसकी शुरुआत की थी. इस योजना के तहत, बालिका के जन्म पर 500 रुपये की राशि दी जाती है. यह राशि, बैंक या डाकघर में जमा की जाती है. जब बालिका की उम्र 18 साल पूरी हो जाती है, तब यह रकम निकाली जा सकती है. इसमें जन्म के समय 500 रुपये और कक्षा 10 तक 300 रुपये से 1,000 रुपये प्रतिवर्ष तक की छात्रवृत्ति दी जाती है.
- सीबीएसई उड़ान छात्रवृत्ति कार्यक्रम
CBSE उड़ान योजना, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा मानव संसाधन विकास विभाग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चलाई जाती है. आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की मेधावी लड़कियों को इंजीनियरिंग करने के लिए प्रोत्साहित करना. इसमें सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में कक्षा 11 के पीसीएम छात्रों के लिए निःशुल्क अध्ययन संसाधन, मार्गदर्शन और सहकर्मी-शिक्षण के अवसर दिए जाते हैं.
- माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों को प्रोत्साहन की राष्ट्रीय योजना
इसका लक्ष्य 14-18 वर्ष की अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं को माध्यमिक शिक्षा प्रदान करना है. इसके तहत लड़की के नाम पर 3,000 रुपये की एफडी जमा की जा सकती है, जो 18 वर्ष की आयु में उपलब्ध होगी. इसमें उन बेटियों को लाभ मिलता है जिन्होंने कक्षा आठवीं उत्तीर्ण की तथा राजकीय विद्यालय में कक्षा नौ में दाखिला लिया.
बालिकाओं के लिए राज्य सरकार की योजनाएं
- मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना (बिहार)
मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना के तहत बेटी का जन्म होने पर उसके नाम पर राज्य सरकार 2 हजार रुपये जमा करती है.जब बच्ची 18 साल की हो जाती है तो उसके मेच्योरिटी का पैसा उसे दे दिया जाता है.बिहार की राज्य सरकार बच्चियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाती है.इन्हीं स्कीम में से एक मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना है.
- लाडली लक्ष्मी योजना (मध्य प्रदेश)
बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंग अनुपात में सुधार, बालिकाओं की शैक्षणिक स्तर तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में दिनांक 01.04.2007 से लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू की गई. इस योजना के तहत बेटियों को आर्थिक सहायता दी जाती है.इस योजना में विभिन्न किस्तों में कुल 1 लाख 43 हजार रुपये दिए जाते हैं , बेटी के 21 साल की होने पर उसे एकमुश्त एक लाख रुपये मिलते हैं.
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- दिल्ली लाडली योजना (दिल्ली)
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बालिकाओं के लिए वित्तीय सहायता.
संस्थागत प्रसव के लिए 11,000 रुपए, घर पर प्रसव के लिए 10,000 रुपए तथा विभिन्न स्कूल स्तरों पर 5,000 रुपए तक की छात्रवृत्ति.
- मुख्यमंत्री राजश्री योजना (राजस्थान)
बेटियों की अच्छी परवरिश तथा उनके शिक्षा में कोई बाधा न आए इस उद्देश्य से राजस्थान सरकार द्वारा गरीब परिवार के घर जन्म लेने वाली बेटियों को मुख्यमंत्री राजश्री योजना के तहत 50 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है.
5. माजी कन्या भाग्यश्री योजना (महाराष्ट्र)
7.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के लिए 5,000 रुपये से 25,000 रुपये तक की राशि जमा की जाती है.
- तमिलनाडु मुख्यमंत्री बालिका संरक्षण योजना
एकल या दो लड़कियों वाले परिवारों के लिए 25,000-50,000 रुपये की एफडी, 18 वर्ष की आयु में भुनाई जा सकेगी.
- नंदा देवी कन्या योजना (उत्तराखंड)
वर्ष 2009 के बाद जन्मी बीपीएल परिवारों की दो बालिकाओं के लिए 5,000 रुपये की एफडी जमा की जाएगी.