क्यों खराब आती है Aadhaar और Voter ID की फोटो? ये है असली वजह
Aadhaar Photo Quality: भारत में आधार कार्ड और वोटर कार्ड, ये दो दस्तावेज़ तो लगभग हर किसी के पास होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि इन कार्ड्स पर जो फोटो होते हैं, वो अक्सर इतने खराब क्यों होते हैं? खैर, इसे समझना उतना भी मुश्किल नहीं है. चलिए, एक नजर डालते हैं थोड़े परेशान करने वाले कारणों पर!
सरकारी कैमरे का कमाल!
क्या आपने कभी सरकारी दफ्तरों में कैमरे की क्वालिटी पर ध्यान दिया है? ‘सुपर HD’ की उम्मीद तो छोड़िए, ये कैमरे तो बमुश्किल साफ तस्वीर खींच पाते हैं! यही वजह है कि आपकी आधार या वोटर कार्ड की फोटो में वो क्लियरनेस नहीं दिखती, जो आपको अपनी सेल्फी में होती है.
‘कमाल’ की लाइटिंग
अगर आपने कभी किसी फोटो शूट में हिस्सा लिया है, तो आप जानते होंगे कि सही रोशनी कितनी अहम होती है. लेकिन सरकारी दफ्तरों में लाइटिंग का तो नाम ही मत पूछिए! “चलो, फोटो खींच लो, फिर देखेंगे! यही स्टाइल है वहां का, और तस्वीरें उसी हिसाब से आ जाती हैं.
डिजिटल वर्ड का असर
अब, जैसे ही आप अपनी फोटो अपलोड करते हैं, उसे डिजिटल रूप में प्रोसेस किया जाता है और फिर प्रिंट किया जाता है. लेकिन इसमें प्रिंट क्वालिटी में गिरावट आ जाती है, और आपकी फोटो की पहचान और भी मुश्किल हो जाती है!
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‘खाना पूर्ति’ स्टाइल
कभी सरकारी दफ्तरों में जाकर देखा है कि कैसे इन डॉक्युमेंट्स की फोटो ली जाती है? यह कोई प्रोफेशनल फोटोशूट नहीं होता, बल्कि बस एक ‘खाना पूर्ति’ के लिए फोटो खींच दी जाती है. और अगर आपकी फोटो थोड़ी धुंधली आ जाए, तो उसे ठीक करने का तो कोई टाइम नहीं!
आखिरकार क्या करें?
हां, यह सच है कि आधार और वोटर कार्ड की फोटोज़ को लेकर काफी शिकायतें हैं, लेकिन इन्हें पहचान के दस्तावेज़ के तौर पर पूरी तरह से अवैध नहीं ठहराया जा सकता. बेशक, ये फोटोज़ थोड़ी मजेदार लग सकती हैं, लेकिन इनसे पहचान की कोई दिक्कत नहीं होती!