पासबुक अपडेट से लेकर कैश निकालने तक…अब हर चीज़ पर वसूला जा रहा है मोटा पैसा, जानिए कैसे आपको धीरे-धीरे ‘कंगाल’ बना रहे हैं बैंक

कैश लेन-देन के नियम भी बदल गए हैं. कई बैंकों ने अब महीने में बिना शुल्क के नकद जमा करने या निकालने की सीमा 5 बार से घटाकर सिर्फ 3 बार कर दी है. अगर आप इस सीमा से ज़्यादा बार पैसे निकालते हैं या जमा करते हैं, तो हर बार आपको 150 रुपये का भारी-भरकम चार्ज देना पड़ रहा है.
Bank Charges

हर छोटी सेवा पर लग रहा है बड़ा चार्ज!

Bank Charges: क्या आपको याद है वो सुनहरा दौर, जब बैंक में खाता खुलवाना, पासबुक अपडेट कराना या ATM से पैसे निकालना बिल्कुल मुफ्त था? लगता है, वो दिन अब इतिहास बन चुके हैं. बैंकों के मुताबिक, ‘फ्री’ अब सिर्फ कहने की बात है, करने की नहीं. पिछले कुछ सालों से आपकी हर छोटी से छोटी बैंकिंग सुविधा के लिए आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है, और यकीन मानिए, यह तो बस शुरुआत है.

अब झटपट पैसे भेजने पर भी चार्ज!

सोचिए, पहले आप चुटकियों में इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) के ज़रिए किसी को भी पैसे भेज देते थे और वो भी बिना किसी फीस के. लेकिन अब यह सुविधा भी महंगी हो रही है. कई प्राइवेट बैंक तो पहले से ही ऑनलाइन IMPS पर चार्ज ले रहे थे, लेकिन अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) भी 15 अगस्त, 2025 से इस पर शुल्क लगाने जा रहा है. इसका सीधा मतलब है कि जल्द ही दूसरे बैंक भी इसे अपना सकते हैं या अपने मौजूदा चार्जेस बढ़ा सकते हैं.

अब आप सोच रहे होंगे कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का क्या? घबराइए नहीं. UPI अभी भी ज़्यादातर छोटे लेन-देन के लिए मुफ्त है, खासकर अगर आप अपने मोबाइल ऐप से करते हैं. लेकिन IMPS, जो सीधे बैंक खातों के बीच बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल होता है, अब महंगा हो जाएगा. उन लोगों के लिए यह एक बड़ा झटका है जो अक्सर बड़ी रकम डिजिटल रूप से भेजते हैं.

बैंक ब्रांच से IMPS करने पर नए चार्जेस

25,000 – 1,00,000 तक पर 2 रुपये
1,00,000 – 2,00,000 तक पर 6 रुपये
2,00,000 – 5,00,000 तक पर 10 रुपये

ATM से पैसे निकालना और कैश लेन-देन भी हुआ महंगा!

यह सिर्फ IMPS की बात नहीं है. क्या आप महीने में 5 से ज़्यादा बार ATM से पैसे निकालते हैं? मई 2025 से हर बार आपको 23 रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना पड़ रहा है. ज़रा सोचिए, पैसे निकालने के लिए भी पैसे.

कैश लेन-देन के नियम भी बदल गए हैं. कई बैंकों ने अब महीने में बिना शुल्क के नकद जमा करने या निकालने की सीमा 5 बार से घटाकर सिर्फ 3 बार कर दी है. अगर आप इस सीमा से ज़्यादा बार पैसे निकालते हैं या जमा करते हैं, तो हर बार आपको 150 रुपये का भारी-भरकम चार्ज देना पड़ रहा है. इतना ही नहीं, अगर आप एक महीने में 1 लाख से ज़्यादा नकद जमा करते हैं, तो उस पर भी 150 रुपये का शुल्क देना पड़ा है. लगता है, अब कैश संभालना भी महंगा हो जाएगा.

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सुविधाओं में कटौती, लेकिन चार्ज डबल!

बैंक सिर्फ चार्ज नहीं बढ़ा रहे, बल्कि ग्राहकों को मिलने वाली सुविधाओं में भी कटौती कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, SBI ने अपने ‘प्राइम’ और ‘पल्स’ क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाला 50 लाख रुपये का मुफ्त हवाई दुर्घटना बीमा 15 जुलाई, 2025 से बंद कर दिया है. अब क्रेडिट कार्ड के कुछ खास लेन-देन पर भी 1 जुलाई, 2025 से नए शुल्क लागू हो गए हैं. ऐसा लगता है, अब ‘ग्राहक ही भगवान’ वाली बात सिर्फ किताबों में रह गई है.

इन छोटी-छोटी सेवाओं पर भी लग रहे हैं हिडन चार्जेस

  • खाता रखरखाव चार्ज: 500 रुपये
  • SMS अलर्ट: हर तीन महीने में 10 रुपये से 35 रुपये तक
  • डुप्लीकेट पासबुक: 100 रुपये
  • डुप्लीकेट पासबुक एंट्री के साथ: हर पेज के लिए 50 रुपये अतिरिक्त
  • चेक पेमेंट रुकवाना: 200 प्रति चेक रुपये (अधिकतम 500 रुपये)
  • आपकी गलती से चेक बाउंस हुआ: 150 रुपये
  • हस्ताक्षर सत्यापन: 100 रुपये (संयुक्त खाते के लिए 150 रुपये)
  • मोबाइल नंबर और ई-मेल बदलना: 50 रुपये + GST
  • डेबिट कार्ड रखरखाव चार्ज: 250 रुपये से 800 रुपये
  • डेबिट कार्ड का PIN बदलना: 50 रुपये
  • पोस्टल चार्ज: 50 रुपये से 100 रुपये

यह साफ है कि बैंकों ने अब हर छोटी से छोटी सुविधा को पैसे से जोड़ दिया है. अब बैंक से जुड़ी कोई भी सेवा मुफ्त नहीं बची है. तो अगली बार जब आप बैंक जाएं या कोई ऑनलाइन लेन-देन करें, तो इन नए और बढ़े हुए शुल्कों के लिए तैयार रहें.

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