क्या 2000 रुपये से अधिक के UPI ट्रांजेक्शन पर लगेगा GST? सरकार ने खारिज किया दावा

अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई भी नियम नहीं आ रहा है, जिसमें 2000 रुपये से अधिक के UPI ट्रांजेक्शन पर GST लगाने की बात हो.
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UPI: आज के डिजिटल युग में भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय माध्यम UPI बन चुका है. चाहे किसी को पैसे भेजने हों या फिर चाय की दुकान पर चाय का पैमेंट करना हो, बस एक QR कोड स्कैन करके काम खत्म. लेकिन जैसे-जैसे इसका उपयोग बढ़ा है, वैसे-वैसे इससे जुड़ी गलत जानकारियां और अफवाहें भी तेज़ी से फैल रही हैं. हाल ही में एक ऐसी ही खबर ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी.

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई जिसमें दावा किया गया कि अब से 2000 रुपये से अधिक के UPI ट्रांजेक्शन्स पर GST लगाया जाएगा. इस खबर से आम उपभोक्ताओं में चिंता फैल गई और लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे कि क्या अब डिजिटल पेमेंट करना महंगा हो जाएगा?

सरकार ने क्या कहा?

इन सभी अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई भी नियम नहीं आ रहा है, जिसमें 2000 रुपये से अधिक के UPI ट्रांजेक्शन पर GST लगाने की बात हो. सरकार ने बताया कि UPI ट्रांजेक्शन्स पर GST केवल तब लागू होता है जब पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर मर्चेंट से MDR चार्ज करता है. लेकिन 1 जनवरी 2020 से P2M ट्रांजेक्शन्स पर MDR को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है. जब MDR ही नहीं है, तो GST भी लागू नहीं होता.

UPI की बढ़ती लोकप्रियता

भारत में UPI का दायरा हर साल तेज़ी से बढ़ रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार:

  • FY 2021-22: 1,389 करोड़ रुपये
  • FY 2022-23: 2,210 करोड़ रुपये
  • FY 2023-24: 3,631 करोड़ रुपये

ACI Worldwide की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2023 में दुनियाभर के रियल-टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन्स का लगभग 49% हिस्सा अकेले संभाला है. FY 2019-20 में जहां UPI ट्रांजेक्शन्स का कुल मूल्य 21.3 लाख करोड़ रुपये था, वहीं 2025 तक इसके 260.56 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. मर्चेंट ट्रांजेक्शन का आंकड़ा भी अब 9.3 लाख करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है.

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