भारत में सस्ती हुई अमेरिकी शराब, ट्रंप से मुलाकात के बाद PM मोदी ने क्यों लिया ये फैसला? यहां समझिए ‘टैरिफ पॉलिटिक्स’

भारत का विदेशी शराब बाजार 35 अरब डॉलर का है और यह धीरे-धीरे बढ़ रहा है. इसमें डियाजियो (Diageo), पेरनोड रिकार्ड (Pernod Ricard) जैसे प्रमुख इंटरनेशनल ब्रांड्स की मजबूत उपस्थिति है.
US Bourbon Whiskey

प्रतीकात्मक तस्वीर

US Bourbon Whiskey: भारत सरकार ने अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ में बड़ी कटौती की है. यह फैसला अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के’जैसा को तैसा’ (Reciprocal Tariffs) नीति की घोषणा के बाद लिया गया. भारत सरकार ने अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर पहले लगने वाले 150% टैरिफ को घटाकर 100% कर दिया है, जिससे विशेष रूप से अमेरिकी ब्रांडों जैसे जिम बीम और सनटोरी को आयात में लाभ मिलेगा. इस कदम से व्यापारिक संबंधों में भी एक नया मोड़ आने की संभावना है.

ट्रंप से मुलाकात के बाद सरकार का फैसला

यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और पीएम मोदी के बीच हुई हालिया मुलाकात के बाद आया है. ट्रंप ने भारत में लागू टैरिफ को लेकर खुलकर अपनी चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने यह कहा कि भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में ज्यादा टैक्‍स लेता है. ट्रंप ने विशेष रूप से अमेरिकी मोटरसाइकिल कंपनी हार्ले डेविडसन का उदाहरण दिया और यह बताया कि भारत में हाई टैरिफ की वजह से हार्ले डेविडसन ने भारत में ही अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किया, ताकि वह टैरिफ से बच सके.

इसलिए, ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि भारत अपने टैरिफ कम नहीं करता, तो अमेरिका BRICS देशों पर 100% टैरिफ लगा सकता है. इस चेतावनी का भारत पर खासा असर पड़ा, और इसके बाद सरकार ने इस पर गंभीर विचार-विमर्श किया.

टैरिफ में 50% की कमी, लेकिन क्या प्रभाव पड़ेगा?

अब भारत ने अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर 50% टैरिफ कम लगाने का ऐलान किया है, जिससे कुल मिलाकर व्हिस्की पर 100% का टैरिफ लागू होगा. पहले ये दर 150% थी. इसका मतलब यह है कि अब अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर लगने वाला कुल शुल्क पहले से कम होगा, जिससे इन उत्पादों की भारत में बिक्री पर सकारात्मक असर पड़ेगा.

यह बदलाव मुख्य रूप से अमेरिकी व्हिस्की कंपनियों को फायदा पहुंचाएगा, जिनमें प्रमुख ब्रांड्स जैसे जिम बीम और सनटोरी शामिल हैं. इन कंपनियों के लिए भारत में अपने उत्पादों को लाने और उन्हें प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बेचने का रास्ता आसान हो जाएगा. हालांकि, इस फैसले का असर केवल अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर ही होगा, जबकि अन्य विदेशी शराब ब्रांडों पर 150% का वही पुराना टैरिफ लागू रहेगा.

विदेशी शराब कंपनियों का भारतीय बाजार में दबदबा

भारत का विदेशी शराब बाजार 35 अरब डॉलर का है और यह धीरे-धीरे बढ़ रहा है. इसमें डियाजियो (Diageo), पेरनोड रिकार्ड (Pernod Ricard) जैसे प्रमुख इंटरनेशनल ब्रांड्स की मजबूत उपस्थिति है. इन कंपनियों ने भारत के बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए काफी मेहनत की है.

इन कंपनियों ने कई बार अपनी चिंता व्यक्त की थी कि हाई टैरिफ की वजह से उन्हें भारतीय बाजार में अपने उत्पादों की कीमतों को बढ़ाना पड़ता है, जो कि ग्राहकों के लिए महंगे हो जाते हैं. इसलिए, भारत सरकार का यह कदम इन कंपनियों के लिए राहत का कारण बन सकता है, खासकर अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की के मामले में.

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क्यों महत्‍वपूर्ण है यह फैसला?

व्यापारिक रिश्तों में सुधार: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में टैरिफ एक संवेदनशील मुद्दा रहा है. ट्रंप ने भारत के हाई टैरिफ को लेकर पहले ही अपनी नाराजगी जाहिर की थी. अब भारत सरकार ने टैरिफ में कमी कर इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास किया है.

आर्थिक और व्यापारिक प्रभाव: यह कदम भारत के विदेशी व्यापार में एक नई लहर ला सकता है. अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में कमी से अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक रिश्ते मजबूत हो सकते हैं, और भारत के उपभोक्ताओं को भी फायदा हो सकता है.

भारत के शराब बाजार में नई हलचल: इस निर्णय से भारतीय शराब बाजार में विदेशी उत्पादों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. भारतीय शराब कंपनियों को अब विदेशी ब्रांडों से और भी मजबूत मुकाबला करना पड़ सकता है, लेकिन यह देश के उपभोक्ताओं के लिए एक फायदा साबित हो सकता है, क्योंकि उन्हें ज्यादा विकल्प मिलेंगे.

आगे क्या हो सकता है?

हालांकि, यह कदम खासतौर पर अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की के लिए लागू हुआ है, लेकिन भविष्य में अन्य विदेशी शराब ब्रांड्स के लिए भी भारत सरकार की नीतियों में बदलाव हो सकता है. खासकर अगर व्यापारिक रिश्तों में सुधार के लिए दोनों देशों के बीच और समझौते होते हैं, तो हम और भी टैरिफ में कमी की उम्मीद कर सकते हैं.

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