1 अप्रैल से बदल जाएंगे ये 5 बड़े नियम, जानें आम आदमी की जेब पर क्या पड़ेगा असर
1 अप्रैल से बदल जाएंगे कई नियम
New Rule: अगले हफ्ते से साल का नया महीना शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही कई नियमों में बड़े बदलाव भी किए जाएंगे. 1 अप्रैल से कई नियमों में बदलाव होने से इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा. नियमों का पालन ना करने पर जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है. इन बदलावों में एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम, बैकिंग नियम और टीडीएस, जीएसटी समेत कई बदलाव शामिल हैं. तो चलिए जानते हैं कि 1 अप्रैल से किन किन नियमों में बदलावों होने जा रहे हैं…
UPI का बड़ा बदलाव
1 अप्रैल से UPI पेमेंट सर्विस से जुड़ा नया नियम लागू होने जा रहा है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने धोखाधड़ी रोकने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP) पर उपलब्ध मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) का उपयोग करने को कहा है. इसके तहत बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं (PSP) को 31 मार्च से पहले अपने डेटाबेस को अपडेट करना होगा. जिसके तहत इनएक्टिव या बंद मोबाइल नंबरों को हटाया जाएगा. ऐसे में इनएक्टिव मोबाइल नंबर से जुड़े UPI का इस्तेमाल बंद हो जाएगा.
बैंक नियम में बदलाव
RBI ने 1 अप्रैल 2025 से कई नए बैंकिंग नियम लागू करने जा रही है. जिसके तहत अब 1 अप्रैल से बचत खाते में पहले से ज्यादा न्यूनतम बैलेंस रखना होगा. अगर ग्राहक ऐसा नहीं करते तो उन्हें जुर्माना भरना पड़ सकता है. ATM ट्रांजेक्शन पॉलिसी के तहत तय संख्या से अधिक मुफ्त लेनदेन करने पर अधिक शुल्क लिया जा सकता है. वर्तमान में, कई बैंक अपने ATM से महीने में तीन से पांच बार मुफ्त ATM निकासी का लाभ देते हैं.
एलपीजी की कीमतों में बदलाव संभव
महीने के पहली तारीख को LPG की कीमतों में बदलाव होता है. हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा की जाती है. सरकारी तेल कंपनियां बाजार के अनुसार घरेलू और कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में बदलाव करती हैं.
जीएसटी में एमएफए नियम होगा लागू
1 अप्रैल से इनपुट टैक्स डिस्ट्रीब्यूटर सिस्टम (ISD) लागू होगा. इस प्रणाली के तहत व्यवसायों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हो जाएगा. इससे पहले बिजनेस करने वालों को ICT के रूप में रजिस्ट्रेशन करना है या नहीं इसका विकल्प दिया जाता था. अब यदि कोई कारोबारी इसका इस्तेमाल नहीं करता है तो लोकेशन के लिए रेसिपिलिएन्ट लोकेशन के लिए आईटीसी प्रदान नहीं किया जाएगा. नियमों का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
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टीडीएस में भी बदलाव
वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही 1 अप्रैल 2025 से टैक्स कटौती (TDS) और स्रोत पर टैक्स कलेक्शन (TCS) के नियमों में बदलाव होने जा रहा है. केंद्र सरकार ने बजट में ऐलान किया था कि सीनियर सिटीजन के लिए TDS कटौती से बढ़ाकर डबल कर दिया गया है. जो अब 1 लाख रुपए हो गई है. रेंट से हुई कमाई पर टीडीएस कटौती की लिमिट 2.4 लाख रुपए प्रति फाइनेंशियल ईयर से बढ़ाकर 6 लाख रुपए प्रति फाइनेंशियल ईयर हो जाएगी.
विदेशों से ट्रांजैक्शन वाले लोगों के लिए आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के लिए TCS कटौती के लिमिट को भी बढ़ा 10 लाख रुपए कर दिया गया है. स्पेसिफिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से एजुकेशन लोन पर TCS कटौती को हटा दिया गया है. पहले 7 लाख रुपए से अधिक के एजुकेशन लोन पर 0.5% TCS कटौती की जाती थी. जबकि 7 लाख रुपए से अधिक के एजुकेशन ट्रांजैक्शन पर 5 प्रतिशत टीसीएस काटा जाता था.