यूपी बीजेपी में ऑल इज नॉट वेल? जेपी नड्डा से मिले केशव प्रसाद मौर्य, संगठन में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी!

यूपी भाजपा प्रमुख चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कार्यकर्ताओं के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं और सरकार के बीच कुछ तनाव का संकेत मिलता है. यूपी के मंत्री संजय निषाद ने भी योगी आदित्यनाथ की 'बुलडोजर' नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर यह जारी रहा, तो भाजपा को कौन वोट देगा?
Deputy CM Keshav Prasad Maurya

जेपी नड्डा से मिलते हुए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (फोटो- सोशल मीडिया)

UP BJP: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली पहुंच गए हैं, जहां उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई है. लोकसभा चुनाव में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश में पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं होने की चर्चा है. यूपी भाजपा प्रमुख चौधरी भूपेंद्र सिंह ने भी आज दिल्ली में नड्डा से मुलाकात की. यह घटनाक्रम लखनऊ में उत्तर प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की बैठक के ठीक दो दिन बाद हुआ है. गौरतलब है कि इस बैठक में केशव प्रसाद मौर्य शामिल नहीं हुए थे.

सीएम योगी और मौर्य के बीच खींच गई तलवार!

अब ऐसा लग रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य में तलवार फिर खींच गई है. वैसे ये तनातनी नई नहीं है. लेकिन अब खुल कर दोनों नेता इशारों ही इशारों में एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में सीएम योगी ने कहा अति आत्मविश्वास के कारण लोकसभा चुनाव में अच्छे रिजल्ट नहीं आए. इससे पहले पौधारोपण कार्यक्रम को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने जो बैठक बुलाई, केशव मौर्य उसमें भी गैर हाजिर रहे. लेकिन जैसे ही बैठक खत्म हुई. मौर्य ने बड़ा बयान दे दिया.

उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा संगठन सरकार से बड़ा है. इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सीधा हमला माना जा रहा है. उपमुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा, “आपका दर्द मेरा भी दर्द है.” उन्होंने कहा कि संगठन सरकार से बड़ा है और सभी मंत्रियों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों को कार्यकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए और उनकी गरिमा का ख्याल रखना चाहिए. पार्टी नेताओं का एक वर्ग मानता है कि पार्टी कार्यकर्ता संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि उन्हें प्रशासन से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. वे इसके लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार मानते हैं क्योंकि उन्होंने अधिकारियों को पूरी आजादी दे रखी है.

संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और हमेशा बड़ा रहेगा: मौर्य

मौर्य ने आगे कहा, “संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और हमेशा बड़ा रहेगा. सपा और कांग्रेस ने ‘सांपनाथ’ और ‘नागनाथ’ के रूप में झूठ बोलकर और धोखा देकर हमें कुछ समय के लिए पीछे धकेल दिया है. लेकिन 2027 में हम फिर से 300 सीटें पार करने के लक्ष्य के साथ राज्य में भाजपा की सरकार बनाएंगे.” अब बयानबाजी को देखकर राजनीति के जानकारों का कहना है कि मौर्य ने यूपी में एक ऐसी लकीर खींच दी है, जिसके बाद उनका योगी के साथ मंत्रिमंडल में रहना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि, अब जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से उनकी मुलाकात हो रही है, तो हो सकता है कि उन्हें संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल जाए.

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कार्यकर्ताओं के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं: चौधरी भूपेंद्र सिंह

कार्यकारिणी की बैठक के दौरान, यूपी भाजपा प्रमुख चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कार्यकर्ताओं के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं और सरकार के बीच कुछ तनाव का संकेत मिलता है. यूपी के मंत्री संजय निषाद ने भी योगी आदित्यनाथ की ‘बुलडोजर’ नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर यह जारी रहा, तो भाजपा को कौन वोट देगा? पूर्व भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने हाल ही में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी अधिकारियों ने भाजपा की हार में भूमिका निभाई, जिससे पता चलता है कि योगी सरकार में अधिकारी ही सब कुछ चला रहे थे.

बता दें कि इस बार के चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को करारा झटका लगा. पार्टी जहां 2019 में 62 सीटें जीती, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 33 रह गईं. सपा और कांग्रेस वाले इंडिया ब्लॉक ने 80 में से 43 सीटें जीतीं. मौर्य ने पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी जाहिर की, वहीं योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकसभा चुनाव में ‘अति आत्मविश्वास’ ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया. उन्होंने कहा था, “2014 और उसके बाद के चुनावों में भाजपा को जितने वोट मिले थे, 2024 में भी भाजपा उतने ही वोट पाने में सफल रही है, लेकिन वोटों के बदलाव और अति आत्मविश्वास ने हमारी उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया है.”

कार्यकारिणी की बैठक में नौकरशाही का कोई जिक्र नहीं

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,कार्यकारिणी की बैठक में नौकरशाही के खिलाफ उन मुद्दों का कोई जिक्र नहीं हुआ, जिन्हें राज्य के स्थानीय नेता लगातार उठा रहे थे. चुनाव के दौरान यह देखा गया कि कई कार्यकर्ता निराश होकर घर बैठे रहे, पुलिस थानों और तहसीलों में लोगों के काम नहीं करवा पाए, लेकिन कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई. ऐसे में अब जब उत्तर प्रदेश में बीजेपी प्रमुख चौधरी भूपेंद्र सिंह और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा से मिलने पहुंचे हैं तो अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.

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