UP News: राजा भैया को बड़ी राहत, मायावती सरकार में दर्ज इस केस में हाई कोर्ट ने किया बरी

UP News: पूरा मामला 19 दिसंबर 2010 का है और उस साल हुए ब्लॉक प्रमुख के चुनाव से जुड़ा हुआ है.
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विधायक रघुराज प्रताप सिंह

UP News: उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेताओं में गिवने जाने वाले जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के लिए राज्यसभा चुनाव के बाद एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी राहत मिली है. 14 साल पुराने मामले में शुक्रवार को राजा भैया को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने निर्दोष करार दिया है. तत्कालीन मायावती सरकार में दर्ज हुए मुकदमे में राजा भैया को बरी कर दिया गया.

BSP नेता मनोज शुक्ल ने किया था केस

शुक्रवार, 1 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चौदह साल पुराने मामले में कुंडा विधायक को बरी किया. इसके साथ ही अदालत ने अपहरण और थाने में फायरिंग करने से जुड़े मामले में राजा भैया समेत 20 लोगों को भी निर्दोष बताते हुए बरी किया है. लखनऊ खंडपीठ के फैसले से राजा भैया के समर्थकों में खुशी का माहौल है. बता दें कि 2011 में तत्कालीन मायावती सरकार के दौरान ने बसपा नेता मनोज शुक्ल ने राजा भैया समेत 20 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया था.

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ब्लॉक प्रमुख चुनाव से जुड़ा है मामला

बताते चलें कि यह पूरा मामला 19 दिसंबर 2010 का है और उस साल हुए ब्लॉक प्रमुख के चुनाव से जुड़ा हुआ है. ब्‍लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान एक बीडीसी सदस्‍य का अपहरण हो गया था. इसको लेकर बसपा नेता मनोज शुक्‍ला और राजा भैया के बीच विवाद हो गया. बताया जाता है कि इसी मामले को लेकर एक हाईवे पर करीब दो घंटे तक दोनों पक्षों में जमकर गोलीबारी भी हुई थी. इस घटना ने तत्कालीन सरकार के कानून व्यवस्‍था पर सवाल खड़े कर दिए थे.

थाने में फायरिंग का भी लगा था आरोप

इस घटना के बाद मनोज शुक्‍ला थाने में फायरिंग और बीडीसी सदस्य के अपहरण का आरोप लगाते हुए राजा भैया, एमएलसी गोपालजी, विधायक विनोद सरोज और कौशांबी के तत्‍कालीन सांसद शैलेंद्र समेत 20 लोगों के खिलाफ कुंडा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. मामले में पुलिस ने एक्शन लेते हुए राजा भैया, गोपालजी, विनोद सरोज और शैलेंद्र को जेल भेज दिया था.

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2014 में केस वापस लेने का जारी हुआ था आदेश

हालांकि, अगले चुनाव के बाद सपा की आने के बाद वह जेल से बाहर आ गए थे. बता दें कि सपा सरकार 2014 में मुकदमा वापस लेने का आदेश दिया था, लेकिन MP-MLA कोर्ट ने मुकदमे को वापस लेने की अनुमति नहीं दी थी. इसके बाद राजा भैया ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अब बीते दिन उन्हें हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है.

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