‘अब पूरी ताकत BJP के लिए…’, अमित शाह से मुलाकात के बाद बोले नारद राय, मतदान से पहले पूर्वांचल में अखिलेश को झटका

Lok Sabha Election 2024: अमित शाह से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए नारद राय सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमलावार रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि बहुत भारी और दुखी मन से मैं सपा का छोड़ रहा हूं.
Lok Sabha Election 2024

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, ओमप्रकाश राजभर और नारद राय

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण में उत्तर प्रदेश के बलिया सीट पर 1 जून को मतदान होना है. लेकिन, इससे ठीक पहले पूर्वांचल में अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे पूर्व मंत्री नारद राय ने समाजवादी पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का ऐलान कर दिया है. बलिया की सियासत में अच्छी पकड़ रखने वाले नारद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद एक्स पर पोस्ट जारी करते हुए इसकी जानकारी दी है.

अमित शाह से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए नारद राय सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमलावार रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि बहुत भारी और दुखी मन से मैं सपा का छोड़ रहा हूं. नारद राय ने आगे कहा कि40 सालों तक मैं पार्टी के साथ रहा, लेकिन आज ये साथ छोड़ दिया. उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर बेइज्जत करने का आरोप लगाया और कहा कि मेरी गलती यह है कि अखिलेश और मुलायम में मुलायम को चुना. नारद ने कहा कि पिछले सात साल से मुझे लगातार बेइज्जत किया जा रहा था.

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“अब पूरी ताकत BJP के लिए लगाएंगे”

सपा प्रमुख पर आरोप लगाते हुए नारद राय ने कहा कि 2017 में मेरा टिकट अखिलेश यादव ने ही काटा. इसके बाद 2022 में पार्टी ने टिकट तो दिया लेकिन इसके सथ ही मेरी हार का इंतजाम भी कर दिया. लोकसभा चुनाव को लेकर दो दिन पहले बलिया में हुए अखिलेश की रैली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मंच पर भी मुझे बेइज्जत किया गया. अखिलेश यादव ने मंच से मेरा नाम तक नहीं लिया. नारद राय ने अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा कि अब अपनी पूरी ताकत बीजेपी के लिए लगाएंगे. उन्होंने कहा कि जितना हो सकेगा, उतनी ताकत से बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करेंगे.

पहले भी छोड़ चुके हैं सपा का साथ

बताते चलें कि नारद राय बलिया सदर विधानसभा सीट से पूर्व में विधायक और उत्तर प्रदेश की सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं. बलिया के बड़े भूमिहार नेताओं की लिस्ट में इनका नाम शामिल हैं. ये कोई पहला मौका नहीं है जब नारद का सपा से मोहभंग हुआ हो. खुद को जनेश्वर मिश्रा का शिष्य, राजनारायण की परंपरा का राजनेता बताने वाले नारद राय ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी पार्टी छोड़ी थी. नारद ने तब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जॉइन की थी. नारद बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन बीजेपी के आनंद स्वरूप शुक्ल से हार गए.

2022 विधानसभा चुनाव से पहले हुई वापसी

नारद राय 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा में लौट आए थे. 2022 के चुनाव में वह सपा के टिकट पर मैदान में उतरे. इस बार भी नारद को जीत नसीब नहीं हुई. नारद को बीजेपी के दयाशंकर सिंह ने हरा दिया. लोकसभा चुनाव में भी वह सपा से टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी ने 2019 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह मस्त को कड़ी टक्कर देने वाले सनातन पाण्डेय पर भरोसा जताया.

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