Kashi Vishwanath Mandir में 41 साल बाद पुजारी सेवा नियमावली पर सहमति, मुख्य पुजारी को मिलेगा 90 हजार मानदेय
Kashi Vishwanath Mandir: वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी, कनिष्ठ पुजारी और सहायक पुजारी के मानदेय बढ़ाने का बड़ा फैसला लिया गया है. यह फैसला काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की 105 वीं बैठक के दौरान लिया गया. बैठक में चार दशक बाद पुजारी सेवा नियमावली को लेकर सहमति बनने पर यह फैसला लिया गया. वहीं बैठक में मंदिर के पुजारियों के कुल पदों पर भी चर्चा की गई. बताते चलें कि वर्ष 1983 में मंदिर के अधिग्रहण के बाद से पुजारी सेवा नियमावली पर चर्चा समाप्त हो गई थी.
मुख्य पुजारी को 90 हजार मानदेय
गुरुवार, 8 फरवरी को आयोजित काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की 105 वीं बैठक में मुख्य पुजारी को 90 हजार, कनिष्ठ पुजारी को 80 हजार और सहायक पुजारी 65 हजार रुपए मानदेय देने के फैसले पर मुहर लगी. न्यास की 105 वीं बैठक में 41 साल बाद पुजारी सेवा नियमावली को लेकर सहमति बनने के बाद ही यह फैसला लिया गया. वहीं बैठक में निर्णय लिया गया कि मंदिर में पुजारियों के कुल 50 पद होंगे, जिसको लेकर भर्ती के लिए विज्ञापन भी जल्द जारी किया जाएगा.
संस्कृत के छात्रों को फ्री में मिलेंगी ड्रेस और किताबें
न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडे की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में जिले के कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12वीं तक के सभी संस्कृत के छात्रों को काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर से ड्रेस और पुस्तकें मुफ्त में देने का निर्णय लिया गया. इसके साथ ही मंदिर की ओर से संस्कृत ज्ञान प्रतियोगिता भी पहली बार कराई जाएगी. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को लेकर हुई चर्चा में तय किया गया कि विश्वविद्यालय को अनुदान मिलेगा.
कई जगहों पर मिलेगा बाबा का प्रसाद
बैठक में संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए भी एक सेट पुस्तक उपलब्ध कराने पर सहमति दी गई. वहीं ट्रस्ट के सदस्यों की ओर से सभी विद्यालयों में वाद्ययंत्र देने की बात रखी गई. इसके साथ ही शहर के स्टेशन, बस अड्डे और घाटों पर लोगों को प्रतिदिन बाबा का प्रसाद वितरित करने का भी प्रस्ताव पास हुआ. बैठक में अन्य मंदिरों के तर्ज पर काशी विश्वनाथ मंदिर में भी प्रसाद की एक अलग रेसिपी तैयार करने पर चर्चा हुई.
संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए एक करोड़ का बटज
भविष्य में बढ़ते दर्शनार्थियों की संख्या को देखते हुए और सुविधाओं के लिए सड़कों के चौड़ीकरण, पार्किंग पर निर्णय लेते हुए भूमि और भवन के उपयोग के लिए एक आर्किटेक्ट कंपनी को इनपैनलमेंट करने पर भी चर्चा की गई. संस्कृत विश्वविद्यालय के महत्व को ध्यान में रखते हुए न्यास परिषद के अध्यक्ष ने विश्वविद्यालय के भवन के मरम्मत और रखरखाव के लिए एक करोड़ तक का बजट पास किया. न्यास ने बैठक में लिए गए फैसलों की सराहना करते हुए अगले एक से दो महीने में पालन करने पर सहमति व्यक्त की.