Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल, कस्टोडियल डेथ के लगे आरोप, जानिए क्या है न्यायिक अभिरक्षा से जुड़ा कानून
Mukhtar Ansari Death: बांदा जेल में बंद पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर कई सवाल उठने शुरू हो गए हैं. मुख्तार अंसारी के परिजनों के साथ-साथ विरोधी दल के नेताओं ने भी आरोप लगाया है कि उन्हें स्लो पॉइजन दिया गया है. वहीं जेल और अस्पताल प्रशासन का दावा कर रहा है कि मुख्तार की मौत हार्ट अटैक से हुई है. बहरहाल इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. वहीं मुख्तार अंसारी की मौत पर उत्तर प्रदेश के पूर्व DGP विक्रम सिंह ने कहा कि न्यायिक अभिरक्षा में यदि किसी की भी मृत्यु होती है तो यह एक गंभीर विषय है.
मुख्तार को चिकित्सा सहायता की आवश्यकता थी
कार्डियक अरेस्ट के बाद मुख्तार अंसारी की मौत पर उत्तर प्रदेश के पूर्व DGP विक्रम सिंह ने कहा है कि न्यायिक अभिरक्षा में यदि किसी की भी मृत्यु होती है तो यह एक गंभीर विषय है और उसके बारे में एक प्रक्रिया बनी हुई है. जब मुख्तार अंसारी पंजाब से उत्तर प्रदेश लाए गए थे तब भी उसकी तबीयत गंभीर अवस्था में थी. इससे पहले भी, वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अदालत को मुख्तार अंसारी के स्वास्थ्य के बारे में अवगत कराया था और कहा था कि उन्हें चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है. उसके बाद, उन्हें सभी उचित चिकित्सा उपचार प्रदान किए गए.
#WATCH लखनऊ, उत्तर प्रदेश: कार्डियक अरेस्ट के बाद मुख्तार अंसारी की मौत पर उत्तर प्रदेश के पूर्व DGP विक्रम सिंह ने कहा, "न्यायिक अभिरक्षा में यदि किसी की भी मृत्यु होती है तो ये एक गंभीर विषय है और उसके बारे में एक प्रक्रिया बनी हुई है… जब मुख्तार अंसारी पंजाब से उत्तर प्रदेश… pic.twitter.com/Hru17DT6Pi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 29, 2024
क्या होती है कस्टडियल डेथ?
हिरासत में होने वाली मौत को न्यायिक अभिरक्षा में मृत्यु या कस्टोडियल डेथ(Custodial Deaths) कहा जाता है. कानून के जानकारों के मुताबिक पुलिस कस्टडी में अपराधी की हत्या की जवाबदेह पुलिस होती है. वहीं जवाबदेह अफसर पर धारा 302, 304, 304ए और 306 के तहत केस भी चलाया जा सकता है. इतना ही नहीं, पुलिस अधिनियम के तहत भी लापरवाह और संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.
जिम्मेदार अफसर पर कानूनन सजा मान्य
इसमें धारा 302 के तहत हत्या, धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या, 304ए में गैरजिम्मेदारी से हत्या और धारा 306 के तहत खुदकुशी के लिए उकसाने का प्रावधान शामिल है. हालात, परिस्थितियां और गवाही के आधार पर जिम्मेदार पुलिस अफसर को इन धाराओं में से किसी या सभी का सामना करना पड़ सकता है. इन धाराओं के तहत हत्या या हत्या के प्रयास के तहत मिलने वाली कानूनन सजा मान्य हो सकती है.