Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई सामने, इस वजह से हुई मौत, विसरा रखा गया सुरक्षित

Mukhtar Ansari Post Mortem Report: अस्पताल प्रशासन के मुताबिक बांदा जेल में बंद मुख्तार को हार्ट अटैक की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उसे कुछ देर बाद मृत घोषित कर दिया गया.
Mukhtar Ansari, Mukhtar Ansari Post Mortem Report

माफिया मुख्तार अंसारी

Mukhtar Ansari Post Mortem Report: माफिया मुख्तार अंसारी का गुरुवार की रात मौत हो गई. उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी मौत बांदा के मेडिकल अस्पताल में मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन के मुताबिक बांदा जेल में बंद मुख्तार को हार्ट अटैक की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उसे कुछ देर बाद मृत घोषित कर दिया गया. वहीं माफिया के परिजनों का आरोप है कि उसे स्लो पॉइजन दिया गया है. ऐसे में मुख्तार अंसारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत की असल वजह सामने आई है.

रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में कराया था भर्ती

प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्तार अंसारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बांदा जेल में सजायाफ्ता मुख्तार को खाना दिया गया. इसके बाद उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां 9 डॉक्टरों की टीम ने उसकी जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया.

बिसरा को रखा गया सुरक्षित

बांदा सीएमओ ने बताया कि माफिया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कार्डियक अरेस्ट से मौत होने का पता चला है. वहीं उन्होंने कहा कि विसरा को सुरक्षित रख लिया गया है, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा. वहीं रिपोर्ट में ऐसे किसी भी संदिग्ध जहर से इनकार किया गया, जैसा कि उनके परिवार के सदस्यों और कई अन्य राजनीतिक नेताओं की ओर से दावा किया जा रहा है. बता दें कि पांच सदस्यीय टीम ने उसके शव का पोस्टमार्टम किया. इस टीम में एक पीजीआई लखनऊ, तीन बांदा जिला अस्पताल, एक मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक शामिल थे.

यह भी पढ़ें: Mukhtar Ansari: खुद किया आत्मसर्पण, बदले गए 6 जेल, पंजाब में काटी मौज, जानिए कैसे तीन मुकदमे बने माफिया मुख्तार अंसारी के लिए काल

पोस्टमार्टम के दौरान मौजूद रहे परिजन

मुख्तार शव के पोस्टमार्टम के दौरान उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे. शव परीक्षण कक्ष के अंदर पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई. बताते चलें कि मौत से पहले माफिया मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में वर्चुअल पेशी के दौरान खुद को धीमा जहर देने की शिकायत की थी. उसके आरोपों की जांच कराने के लिए जेल अधीक्षक ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भगवान दास गुप्ता को पत्र लिखा था, इसमें उन्होंने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट गरिमा सिंह को जांच का जिम्मा सौंपा है और एक महीने में रिपोर्ट मांगी है.

ज़रूर पढ़ें