चाय लवर पॉइंट हुआ वकील अहमद टी स्टॉल…कांवर यात्रा से पहले बदला-बदला दिख रहा है मुजफ्फरनगर

योगी सरकार कांवर यात्रा को लेकर बेहद ही सख्त है. कई सालों से कांवर यात्रा इसी मार्ग से होकर गुजरती है. सरकार इस बार कांवरियों के लिए विशेष व्यवस्था कर रही है.
Kanwar Yatra 2024

Kanwar Yatra 2024

Kanwar Yatra 2024: कावंर यात्रा से पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ऐक्शन में है. सरकार ने कांवर यात्रा के मार्ग पर सभी भोजनालयों से अपने सही नाम डिसप्ले करने के लिए कहा है, साथ ही रेस्तरां में काम करने वाले लोगों के नाम भी प्रदर्शित करने का आदेश दिया है. इसके बाद मुजफ्फरनगर में अब इसका असर भी दिखने लगा है.  इस आदेश को लेकर स्थानीय प्रशासन का कहना है कि सामान लेने वाले को यह पता होना चाहिए कि वो किसकी दुकान से खरीददारी कर रहा है. किसी को कोई कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए. अब मुजफ्फरनगर में दुकानदार व मालिक अपना-अपना नाम दुकानों के आगे लिखकर टांग रहे हैं.

आदेश के बाद बदले कई दुकानों के नाम

बता दें कि सरकारी फरमान जारी होने के बाद मुजफ्फरनगर में कई दुकानों के नाम बदले दिखे.  दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर काफी कुछ बदला-बदला दिख रहा है.हाईवे किनारे पहले एक चाय की दुकान का नाम ‘चाय लवर पॉइंट था, जिसका नाम बदलकर अब ‘वकील अहमद टी स्टॉल’ रख दिया है. वकील अहमद टी स्टॉल के मालिक फहीम का कहना है कि सरकार के इस आदेश से काम पर बहुत असर पड़ने वाला है. इतना ही नहीं, करीब 25 सालों से ‘संगम शुद्ध भोजनालय’ के नाम से चलने वाले ढाबे का नाम अब पुलिस के आदेश के बाद ‘सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय’ हो गया है. ढाबे के मालिक सलीम ने कहा कि 25 साल से उसके ढाबे का नाम संगम शुद्ध भोजनालय था लेकिन अब प्रशासन द्वारा इसका नाम बदलवा दिया गया है.

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कांवर यात्रा को लेकर सख्त योगी सरकार

गौरतलब है कि योगी सरकार कांवर यात्रा को लेकर बेहद ही सख्त है. कई सालों से कांवर यात्रा इसी मार्ग से होकर गुजरती है. सरकार इस बार कांवरियों के लिए विशेष व्यवस्था कर रही है.  इस बीच मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने कहा, “कांवर यात्रा के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं. हमारे अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्र में, जो लगभग 240 किलोमीटर का है, सभी भोजनालयों – होटल, ढाबे, ठेले (सड़क किनारे लगने वाली गाड़ियां)- को अपने मालिकों या दुकान चलाने वालों के नाम प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया है. यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि कांवरियों के बीच कोई भ्रम न हो और भविष्य में कोई आरोप न लगे, जिससे कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हो. हर कोई अपनी मर्जी से इसका पालन कर रहा है.”

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