चुनाव से पहले अखिलेश की बढ़ी टेंशन, Swami Prasad Maurya ने समाजवादी पार्टी से दिया इस्तीफा

मौर्य ने पिछले हफ्ते पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था और नेतृत्व पर उनके साथ भेदभाव करने और उनकी टिप्पणियों पर उनका बचाव नहीं करने का आरोप लगाया था.
Swami Prasad Maurya

स्वामी प्रसाद मौर्य (फोटो-सोशल मीडिया)

स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (Swami Prasad Maurya) से अपना इस्तीफा दे दिया. उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और प्रमुख ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य 2022 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. बाद में उन्होंने फाजिलनगर से विधानसभा चुनाव लड़े थे लेकिन असफल रहे.

दिल्ली में फैसले का करूंगा उद्घोष: मौर्य

समाजवादी पार्टी की सदस्यता और MLC पद से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “अखिलेश यादव समाजवादी विचारधारा के विपरीत जा रहे हैं. मैं 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद पार्टी बनाने के अपने फैसले का उद्घोष भी करूंगा.”

मौर्य ने पिछले हफ्ते पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था और नेतृत्व पर उनके साथ भेदभाव करने और उनकी टिप्पणियों पर उनका बचाव नहीं करने का आरोप लगाया था. मौर्य ने रामचरितमानस और अयोध्या मंदिर प्रतिष्ठा समारोह पर विवादित बयान दिया था.

विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए मौर्य ने राम लला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ (अभिषेक) समारोह पर सवाल उठाए थे और कहा था कि जब हजारों वर्षों से अयोध्या में भगवान राम की पूजा की जाती रही है, तो करोड़ों रुपये खर्च करने की क्या जरूरत है.

राज्य में पिछड़े वर्ग के प्रमुख नेता माने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य पांच बार विधान सभा सदस्य, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री,सदन के नेता और विपक्ष के नेता (2012-17) भी रहे हैं. वह 2017 और 2022 के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार में श्रम मंत्री थे और पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी.

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