कांग्रेस को सिर्फ ये 2 सीटें देने को तैयार अखिलेश, विधानसभा उपचुनाव में “इंडी ब्लॉक’ के सामने चुनौती
UP Assembly Bypoll: हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अपनी सीटों की संख्या और वोट शेयर में सुधार के बाद उत्साहित कांग्रेस आगामी विधानसभा उपचुनावों में अपने इंडी ब्लॉक सहयोगी समाजवादी पार्टी के साथ बातचीत में 3 सीटों पर अपना दावा पेश करना चाहती है. हालांकि, समाजवादी पार्टी केवल वो 2 सीटें कांग्रेस को देना चाहती है, जहां पिछले चुनाव में पार्टी की हालत खराब हो गई थी.
3 सीटों पर दावा पेश कर रही है कांग्रेस
बता दें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन करते हुए 80 में से 37 सीटों पर जीत हासिल की. ऐसे में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव किसी भी हाल में कांग्रेस को 2 से ज्यादा सीटें नहीं देना चाहते. वहीं कांग्रेस कम से कम तीन सीटों पर अपना दावा पेश कर रही है. इस लिहाज से ‘इंडी ब्लॉक’ के दोनों सहयोगियों के बीच यह बातचीत कठिन होने की संभावना है.
यूपी कांग्रेस ने रविवार को उपचुनाव वाली 10 विधानसभा सीटों के अपने जिला प्रमुखों, प्रभारियों और अन्य प्रमुख नेताओं की एक बैठक की. प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में आयोजित कांग्रेस की बैठक का उद्देश्य उपचुनावों में जमीनी स्तर से फीडबैक प्राप्त करना था. सूत्रों ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया कि आने वाले दिनों में सपा के साथ अपनी बातचीत में कांग्रेस सपा की पांच मौजूदा सीटों को छोड़ देगी, जिसमें करहल, सीसामऊ, कटेहरी, कुंदरकी और मिल्कीपुर शामिल हैं. शेष पांच सीटों में से पुरानी पार्टी अपने उम्मीदवारों के लिए “दो-तीन सीटों” की मांग करेगी. सपा यूपी में कांग्रेस की वरिष्ठ सहयोगी है.
उपचुनाव वाली 5 सीटें सपा के पास
गौरतलब है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन 10 सीटों में से कोई भी सीट नहीं जीती थी. 2022 के चुनाव में 493 सीटों में से भाजपा ने 255 सीटें जीती थीं, जबकि सपा ने 111 और कांग्रेस ने दो सीटें जीती थीं. उपचुनाव वाली दस सीटों में से पांच पर सपा, तीन पर भाजपा और एक-एक पर राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और निषाद पार्टी ने जीत दर्ज की है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी मीरापुर, मंझवा और फूलपुर सीटों पर अपना दावा पेश करना चाह रही है.
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फूलपुर सीट की मांग कर रही है कांग्रेस
मीरापुर सीट पर 2022 में रालोद नेता चंदन चौहान ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में मीरापुर संसदीय सीट से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने सीट खाली कर दिया है. रालोद अब भाजपा की सहयोगी है. भाजपा की एक अन्य सहयोगी निषाद पार्टी के विनोद कुमार बिंद ने 2022 में मंझवा सीट जीती थी और पार्टी को उपचुनाव में भी यह सीट मिलने की उम्मीद है. फूलपुर सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी, लेकिन कांग्रेस का मानना है कि अगर वह सपा के साथ गठबंधन करके इस सीट पर चुनाव लड़ती है तो उसके पास मौका है.
हालांकि, सपा इन तीन सीटों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रही है. सपा के एक नेता ने बताया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को मीरापुर में अपनी पार्टी के कुछ संभावित उम्मीदवारों से मुलाकात भी की थी. एक अन्य सपा नेता ने कहा कि फूलपुर भी कांग्रेस के खाते में नहीं जाएगा, क्योंकि उनकी पार्टी के पास मुज्तबा सिद्दीकी के रूप में एक मजबूत उम्मीदवार है. पार्टी नेताओं का कहना है कि सपा फिलहाल गाजियाबाद और खैर सीटें कांग्रेस को देने के लिए तैयार है. गाजियाबाद में जहां भाजपा के अतुल गर्ग ने जीत दर्ज की थी, सपा को करीब 44,000 वोट मिले थे और वह एक लाख वोटों के अंतर से हारकर दूसरे स्थान पर रही थी. कांग्रेस को सिर्फ 12,000 वोट मिले थे और वह चौथे स्थान पर रही थी.