UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में दांव पर इन दिग्गजों की किस्मत, वेस्ट यूपी की 8 सीटों पर वोटिंग जारी
UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में पीलीभीत और रामपुर सहित 8 महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र के वोटर्स आज पहले चरण में अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान जारी है. यूपी में पहले चरण में 1.44 करोड़ से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. चुनाव आयोग ने 14,845 मतदान स्थलों में से 3571 पोलिंग बूथों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा है. आपात स्थिति के लिए हेलीकाप्टरों और एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक, 11 बजे तक करीब 14 फीसदी मतदान हुआ है.
यूपी में अब तक इतने प्रतिशत मतदान
उत्तर प्रदेश में पहले चरण के प्रमुख उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश में सहारनपुर, बिजनौर, कैराना, मुजफ्फरनगर, नगीना (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित), मोरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में चुनाव हो रहे हैं.
पीलीभीत: कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए जितिन प्रसाद का मुकाबला समाजवादी पार्टी के भगवत सरन गंगवार और बीएसपी के अनीस अहमद खान से हो रहा है. यह सीट फिलहाल वरुण गांधी के पास है. यह सीट 1996 से मेनका गांधी के परिवार का गढ़ रही है. भगवत सरन गंगवार नवाबगंज सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं. हालांकि, इस बार बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद को यहां से उम्मीदवार बनाया है.
कैराना: कैराना में बीजेपी के प्रदीप चौधरी का मुकाबला बीएसपी के श्रीपाल राणा और एसपी की इकरा हसन से है. चौधरी कैराना से मौजूदा सांसद हैं. शामली जिले में स्थित लोकसभा क्षेत्र, 2018 के उपचुनाव में झटके को छोड़कर, 2014 से भाजपा का गढ़ रहा है. 2014 में भाजपा के हुकुम सिंह ने 5.65 लाख से अधिक वोटों और 50.6 प्रतिशत वोट शेयर से सीट जीती थी.
यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान आज, नक्सल प्रभावित बस्तर में वोटिंग जारी
मुजफ्फरनगर: यहां भाजपा के कद्दावर नेता संजीव कुमार बालियान का मुकाबला सपा के हरेंद्र सिंह मलिक और बसपा के दारा सिंह प्रजापति से है. वह 2014 से लोकसभा में निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वह शिक्षा से पशुचिकित्सक हैं. वह केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
रामपुर: रामपुर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी और सपा प्रत्याशी मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. 2019 के आम चुनाव में यहां से आजम खान चुनाव जीते थे लेकिन, बाद में उन्हें सजा होने के कारण उनकी सदस्यता चली गई और उपचुनाव में बीजेपी ने उनसे यह सीट छीन ली.रामपुर भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है क्योंकि यह जेल में बंद समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के प्रभाव क्षेत्र में आता है.
सहारनपुर: यह निर्वाचन क्षेत्र विविध प्रकार की राजनीतिक संबद्धताओं का गवाह रहा है, जिसमें शुरुआती प्रभुत्व कांग्रेस का रहा, उसके बाद जनता दल और अन्य दलों का. हालांकि, हाल के दिनों में यह सीट भाजपा के पास से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास चली गई है. सहारनपुर के चुनावी समीकरण की बात करें तो बसपा और कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव लगाया है, वहीं भाजपा ने हिंदू चेहरे राघव लखनपाल को टिकट दिया। बसपा ने माजिद अली और कांग्रेस इमरान मसूद को प्रत्याशी बनाया है.
मुरादाबाद: पीतल नगरी के नाम से मशहूर यह निर्वाचन क्षेत्र पिछले दशक में समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (बसपा) के बीच झूलता रहा है. 2019 में, समाजवादी पार्टी के डॉ. एसटी हसन ने 6.49 लाख से अधिक वोट हासिल किए और 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर हासिल किया. 2014 में भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार ने 4.85 लाख से अधिक वोटों और 43 प्रतिशत वोट शेयर से सीट जीती थी. इस बार भाजपा के प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह, सपा सांसद डॉ. एसटी हसन और बसपा के इरफान सैफी के बीच मुकाबला है.
बिजनौर: इस निर्वाचन क्षेत्र में, जिसमें पांच विधानसभा सीटें शामिल हैं, पिछले दशक में भाजपा से बसपा में बदलाव देखा गया है.2019 में, बसपा के मलूक नागर ने 5.56 लाख से अधिक वोटों और 51 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सीट जीत. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कुंवर भारतेंद्र ने 4.86 लाख से ज्यादा वोट और 45.9 फीसदी वोट शेयर हासिल कर यह सीट हासिल की थी. इस बार भाजपा-रालोद गठबंधन ने चंदन चौहान को उम्मीदवार बनाया है. वहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन ने दीपक तो बसपा ने विजेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया.
नगीना: 2019 में बीएसपी के गिरीश चंद्र ने 5.68 लाख से ज्यादा वोट हासिल कर बीजेपी के यशवंत सिंह को हराया. हालांकि, सिंह दूसरे स्थान पर रहे क्योंकि उन्हें 4 लाख से अधिक वोट मिले. 2014 के आम चुनावों में भाजपा के यशवंत सिंह ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से 3.67 लाख से अधिक वोटों और 39 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की.इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट के चुनाव पर इसलिए सबकी नज़रें हैं क्योंकि यहां से युवा दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद चुनावी मैदान में हैं.