गाजा में सेना भेजी तो पाकिस्तान में भड़क सकता है विद्रोह, ट्रंप बना रहे दबाव, मुश्किल में आसिम मुनीर

Gaza Stabilization Force: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, आसिम मुनीर से गाजा में मुस्लिम देशों की सेना भेजने वाले 20-सूत्रीय योजना पर चर्चा के लिए मुलाकात करेंगे.
Donald Trump and Asim Munir

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर

US-Pakistan Relations: पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनीर 6 महीने के अंदर तीसरी बार अमेरिका जाने वाले हैं. वे अगले हफ्ते यह यात्रा कर सकते हैं. मुनीर के लिए यह यात्रा किसी चुनौती से कम नहीं होने वाली है. क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि पाकिस्तान, गाजा में अपने सैनिकों को लगाए. इसके लिए मुनीर तो राजी हो सकते हैं लेकिन उनका यह फैसला पाक में विरोध की हवा को जन्म दे सकता है. जिसकी वजह से वे मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं. अब देखना यह होगा कि ट्रंप के साथ बैठक में गाजा स्टेबलाइजेशन फोर्स को लेकर क्या निर्णय लिए जा सकते हैं.

बता दें, वाशिंगटन काफी समय से गाजा स्थिरीकरण बल में पाक सैनिकों का योगदान देने के लिए इस्लामाबाद पर दबाव डाल रहा है. इसके लिए अभी तक मुनीर राजी नहीं हुई हैं. न्यूज एजेंसी रायटर्स के सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गाजा में मुस्लिम देशों की सेना भेजने वाले 20-सूत्रीय योजना पर चर्चा के लिए मुलाकात करेंगे. ट्रंप की योजना है कि गाजा में हमास जैसे चरमपंथी समूहों को निष्किय किया जाए और पुनर्निर्माण, आर्थिक पुनर्वास पर फोकस किया जाए.

परमाणु हथियार वाला इकलौता मुस्लिम देश

पाकिस्तान दुनिया का इकलौता मुस्लिम ऐसा देश है, जिसके पास परमाणु हथियार है. इसी के दम पर वह बीच-बीच में उछल कूद करता रहता है. भारत के साथ भी पाक ने 3 बार युद्ध लड़ा. इसके अलावा वह अफगानिस्तान के इस्लामिस्ट आतंकियों के खिलाफ भी संघर्ष कर रहा है. रक्षा विशेषज्ञ आयशा सिद्दीकी के अनुसार, पाकिस्तान की सैन्य ताकतों की वजह से डोनाल्ड ट्रंप की दिलचस्पी रहती है. उन्हें लगता है कि पाक सेना लड़ने में सक्षम है. हालांकि आसिम मुनीर के अमेरिका जाने को लेकर पाकिस्तान की सेना, विदेश मंत्रालय और सूचना मंत्रालय की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है.

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बुरे फंसे आसिम मुनीर

ट्रंप के इस दबाव को लेकर कई मुस्लिम देश अभी कोई फैसला नहीं ले पाए हैं. क्योंकि उनका मानना है कि अगर वे भी इस लड़ाई में फंसते हैं तो देश में फिलीस्तीन समर्थक और इजरायल विरोधी लोगों में असंतोष का खतरा बढ़ सकता है. अब ऐसे में पाक सेना प्रमुख का क्या होगा? अगर वे ट्रंप के पक्ष में फैसला नहीं लेंगे तो वे बिगड़ जाएंगे और अगर बात मान गए तो पाक में विरोध बढ़ सकता है. आसिम मुनीर के लिए दोनों फैंसले चुनौती भरे रहने वाले हैं.

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