अब लोगों को डेंगू-चिकनगुनिया से बचाएंगे मच्छर, ब्राजील ने कर दिखाया गजब का कारनामा!
प्रतीकात्मक तस्वीर
Brazil Mosquito Super Factory: क्या आपने कभी सोचा कि मच्छर एक दिन आपकी जान बचा सकते हैं? ब्राजील ने ऐसा ही गजब का कारनामा कर दिखाया है. कुरितिबा शहर में दुनिया की सबसे बड़ी ‘मच्छर फैक्ट्री’ खुली है, जहां हर हफ्ते करोड़ों मच्छर तैयार हो रहे हैं. ये कोई साधारण मच्छर नहीं, बल्कि डेंगू, जिका और चिकनगुनिया जैसे खतरनाक रोगों से लड़ने वाले सुपर मच्छर हैं.
मच्छरों की फौज तैयार!
डेंगू को तो आप जानते ही होंगे? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में करोड़ों लोग डेंगू की चपेट में आते हैं. ब्राजील में तो 2024 में हालात इतने बिगड़ गए कि 65 लाख मामले सामने आए और 6000 से ज्यादा लोग दुनिया छोड़ गए. लेकिन अब ब्राजील ने मच्छरों को ही अपना दोस्त बना लिया है. कैसे? चलिए विस्तार से बताते हैं.
कुरितिबा की इस सुपर फैक्ट्री में हर हफ्ते करोड़ों मच्छरों के अंडे तैयार होते हैं. इन मच्छरों में एक खास बैक्टीरिया डाला जाता है, जिसका नाम है वोल्बैकिया. ये बैक्टीरिया डेंगू, जिका और चिकनगुनिया के वायरस को मच्छरों के पेट में ही खत्म कर देता है. जब ये ‘अच्छे’ मच्छर बाहर जाकर जंगली मच्छरों से मिलते हैं, तो वो वोल्बैकिया को अपनी अगली पीढ़ी में पास कर देते हैं. और फिर? वायरस फैलने का रास्ता बंद. ये कैसे होता है?
लैब में ट्रेनिंग: फैक्ट्री में मच्छरों को वोल्बैकिया का ‘इंजेक्शन’ दिया जाता है. ये बैक्टीरिया इंसानों के लिए 100% सुरक्षित है.
मिशन रिलीज: खास गाड़ियों से इन मच्छरों को डेंगू से प्रभावित इलाकों में छोड़ा जाता है.
प्रजनन: ये मच्छर जंगली मच्छरों से मिलकर वोल्बैकिया फैलाते हैं. नई पीढ़ी के मच्छर वायरस फैलाने में नाकाम हो जाते हैं.
लंबी जीत: एक बार ये मच्छर छोड़े गए, तो डेंगू से लड़ाई लंबे समय तक चलती रहती है.
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पहले ही दिखा कमाल
ये फैक्ट्री वर्ल्ड मॉस्किटो प्रोग्राम (WMP), ओस्वाल्डो क्रूज फाउंडेशन और पराना के मॉलिक्यूलर बायोलॉजी इंस्टीट्यूट की मेहनत का नतीजा है. 19 जुलाई 2025 को शुरू हुई इस फैक्ट्री में 70 कर्मचारी 3500 वर्ग मीटर के एरिया में काम करते हैं. हर हफ्ते 10 करोड़ मच्छरों के अंडे तैयार होते हैं, जो 6 महीने में 70 लाख लोगों को डेंगू से बचा सकते हैं. ब्राजील के नाइतेरोई शहर में इस तरीके ने कमाल दिखाया है. वहां डेंगू के मामले 69% कम हुए, चिकनगुनिया 56% और जिका 37% कम हुआ. कोलंबिया और इंडोनेशिया में भी ये तरीका सुपरहिट रहा है.
क्यों है ये इतना खास?
कीटनाशक और स्प्रे से मच्छरों को मारना पुराना तरीका है, और मच्छर भी अब इनके खिलाफ ‘इम्यून’ हो गए हैं. लेकिन वोल्बैकिया तरीका प्रकृति का दोस्त है. ये बैक्टीरिया 60% से ज्यादा कीड़ों में पहले से मौजूद है और इंसानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता. अगर मच्छर मरता है, तो बैक्टीरिया भी खत्म. यानी, ये पर्यावरण के लिए भी सेफ है.