80 खूंखार कबीले, अंगारों के ’60 शैतान’ देते हैं पहरा…इस देश में दो दिन बिताएंगे PM मोदी
इथोपिया में दो दिन बिताएंगे पीएम मोदी
PM Modi Ethiopia Visit: पीएम मोदी इथियोपिया के महत्वपूर्ण दो दिवसीय राजकीय दौरे पर पहुंचने वाले हैं. इस दौरान वे अपने इथियोपियाई समकक्ष डॉक्टर अबीय अहमद अली के साथ भारत-इथियोपिया के द्विपक्षीय संबंधों के सभी प्रमुख पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे. यह दौरा दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को एक नई मजबूती देने वाला माना जा रहा है. हालांकि, कूटनीति के अलावा, इथियोपिया वह देश है जहां कुदरत और संस्कृति का ऐसा मेल है जो दुनिया में कहीं और नहीं मिलता.
दुनिया से अलग-थलग 80 से ज़्यादा जनजातियों का संसार
इथियोपिया अपनी भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है. यहां 80 से अधिक जनजातियां निवास करती हैं, जिनमें से कई दूर-दराज के इलाकों में रहती हैं और बाहरी दुनिया से बिल्कुल अलग हैं. इनके रीति-रिवाज इतने अनूठे हैं कि ये आम लोगों को खूंखार और खतरनाक लग सकते हैं.
होठों पर डिस्क वाली सुरी और मुर्सी महिलाएं
दक्षिण-पश्चिम इथियोपिया में रहने वाले सुरी कबीले की पहचान महिलाओं के होठों में लगी बड़ी डिस्क यानी लिप प्लेट है. अपनी ज़मीन और मवेशियों की रक्षा के लिए ये हथियार रखते हैं. इसी तरह, ओमो वैली की मुर्सी महिलाएं भी लिप प्लेट पहनती हैं और अपनी संस्कृति के प्रति बहुत सख्त हैं.
ओमो वैली में ही रहने वाले हामर कबीले की पहचान उनकी ‘बैल कूदने की रस्म’ है, जो उनकी सामाजिक परंपराओं का एक अहम हिस्सा है. इथियोपिया के डनाकिल रेगिस्तान में रहने वाले अफ़ार जनजाति के लोग अपनी सख्त रेगिस्तानी जीवनशैली के कारण जाने जाते हैं. ये अक्सर तलवार और चाकू साथ रखते हैं.
इथियोपिया-केन्या सीमा पर बसे न्यांगातोम कबीले को उनकी युद्ध परंपराओं के लिए जाना जाता है. ये अपनी मवेशियों की सुरक्षा के लिए खतरनाक हथियार रखते हैं.
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‘नर्क के 60 दरवाज़े’
इथियोपिया को ‘धरती की प्रयोगशाला’ भी कहा जाता है क्योंकि यह अफ्रीका के सबसे ज़्यादा ज्वालामुखीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में आता है. इसकी वजह है यहां से गुजरने वाली ईस्ट अफ्रीकन रिफ्ट वैली, जहां धरती की टेक्टॉनिक प्लेटें एक-दूसरे से अलग हो रही हैं.
इथियोपिया में 60 से अधिक ज्वालामुखी मौजूद हैं, जिनमें से लगभग 20 सक्रिय माने जाते हैं. इन्हें ‘अंगारों का शैतान’ कहा जाता है जो धरती को लगातार आकार दे रहे हैं. एर्ता आले यहां का सबसे खतरनाक और सक्रिय ज्वालामुखी है, जहां से लगातार लावा बहता रहता है. इसे स्थानीय लोग ‘धूम्रपान करता पहाड़’ भी कहते हैं.
हाल ही में पीएम की यात्रा से ठीक पहले 12,000 साल से सोया ज्वालामुखी हेली गब्बी फट गया, जिससे 14 किलोमीटर तक राख और अंगारे उठे थे. ये घटना इथियोपिया को भूवैज्ञानिकों के लिए एक खुली प्रयोगशाला बनाती है, जहां महाद्वीप के टूटने की प्रक्रिया को साफ़ तौर पर देखा जा सकता है. पीएम मोदी का यह दौरा केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह उस देश की अनूठी संस्कृति और भूवैज्ञानिक आश्चर्यों को भी दुनिया के सामने लाता है.