अब Cyber Crime पर लगेगी लगाम, 5000 साइबर कमांडो तैयार करेगी सरकार, गृह मंत्री ने लॉन्च किया ये प्लेटफॉर्म

Cyber crime: सरकार इस प्रोग्राम के जरिए साइबर क्राइम को प्रभावी ढंग से खत्म करने के लिए विशेषज्ञों को ट्रेनिंग देगी. इसके लिए पैरा मिलिट्री फोर्स और स्टेट पुलिस के जवानों को चयनित किया गया है
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इंडियन साइबरक्राइम कोओर्डिनेशन सेंटर में अमित शाह

Cyber Crime: आज देश में डिजिटल लेन-देन पहले से काफी बढ़ गया है, जिसके बाद से डिजिटल गतिविधियां काफी तेज हुई हैं. अधिक से अधिक लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निर्भर हुए हैं. देश में बढ़ते डिजिटलाइजेशन के साथ साथ साइबर क्राइम भी बढ़ रहे हैं. ऐसे में साइबर सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत भी पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है.

ऐसे में देश में तेजी से बढ़ रहे साइबर क्राइम की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ी तैयारी कर ली है. साइबर फ्रॉड से बचने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने Indian Cybercrime Coordination Centre (I4C) ने 7 नए प्लेटफॉर्म लॉन्च किए हैं, जो विशेष रूप से प्रशिक्षक साइबर कमांडो, साइबर धोखाखड़ी करने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित कर सकेंगे.

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5000 ‘साइबर कमांडो’ को ट्रेनिंग

10 सितंबर यानी मंगलवार को इंडियन साइबरक्राइम कोओर्डिनेशन सेंटर (I4C) के पहले स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए, जहां उन्होंने तेजी से बढ़ रहे साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए चार प्रमुख साइबर प्लेटफॉर्म, सस्पेक्ट रजिस्ट्री, साइबर कमांडो, साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (CFMC) और समन्वय प्लेटफॉर्म की शुरुआत की. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि आज देश में डिजिटल गतिविधियां काफी बढ़ी हैं ऐसे में साइबर सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत भी पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है. साइबर क्षेत्र में आनेवाले दिनों में बहुत चुनौती है, इसीलिए डिजिटल सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है.

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने देश में साइबर सुरक्षा प्रदान करने के लिए ठोस बुनियादी ढांचों का निर्माण और कानून को मजबूत बनाने के साथ-साथ 5000 ‘साइबर कमांडो’ को ट्रेनिंग देगी.” बता दें कि ग्लोबल डिजिटल ट्रांजैक्शन का 46 प्रतिशत भारत में होता है. साथ ही साइबर अपराधियों द्वारा उपयोग की जाने वाली वेबसाइटों, सोशल मीडिया पेजों, मोबाइल ऐप्स और अकाउंट को ब्लॉक करने में I4C के प्रयासों की सराहना की. अमित शाह ने कहा कि साइबर सुरक्षा के लिए NFCL के माध्यम से राज्यों को 10,500 फॉरेंसिक सेवाएं प्रदान की गई हैं. 4,45000 पुलिस कर्मियों, न्यायिक अधिकारियों, सरकारी अफसरों, एनसीईआरटी शिक्षकों को साइबर सुरक्षा ट्रेनिंग दी गई है.

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जानिए इन चारों प्लेटफॉर्म के बारे

साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर- यह सेंटर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 1930 कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा. इसके तहत हाई प्रायोरिटी केस की मॉनिटरिंग की जाएगी. यह नया सेंटर पूरी तरह से डेडिकेटेड होगा.

साइबर कमांडो प्रोग्राम- सरकार इस प्रोग्राम के जरिए साइबर क्राइम को प्रभावी ढंग से खत्म करने के लिए विशेषज्ञों को ट्रेनिंग देगी. इसके लिए पैरा मिलिट्री फोर्स और स्टेट पुलिस के जवानों को चयनित किया गया है. ये डिजिटल भारत के प्रहरी के तौर पर देश के नागरिकों की सुरक्षा करेंगे. इसके साथ ही IIT, RRU (राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी), NFSU (नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी) जैसे देश के जानेमाने 8 ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में इनको साइबर सिक्योरिटी की ट्रेनिंग दी जाएगी.

सस्पेक्ट रजिस्ट्री- केंद्र सरकार की यह एक नए तरीके की पहल है, जिसमें साइबर अपराधियों का पंजीकरण किया जायेगा. इससे संदिग्ध बैंक खातों को तुरंत ट्रैक किया जा सके.

समन्वय पोर्टल- यह पोर्टल साइबर अपराधों में इस्तेमाल होने वाले फर्जी कार्ड और अकाउंट, साइबर क्राइम के रोकथाम, अपराध के विश्लेषण और जांच में सहयोग और समन्वय का काम करेगा.

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