“आगामी विधानसभा चुनाव तय करेंगे…”, मोदी सरकार की स्थिति पर प्रशांत किशोर का अलार्मिंग बयान

प्रशांत किशोर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चल रहे चुनावों के परिणाम, साथ ही अगले दो वर्षों में होने वाले चुनावों, जैसे कि महाराष्ट्र, झारखंड, बंगाल और असम में मोदी सरकार की राजनीतिक स्थिरता पर असर डालेंगे.
Prashant Kishor

प्रशांत किशोर

Bihar Politics: वर्तमान समय में देश में विधानसभा चुनावों को लेकर माहौल गर्म है. इस बीच, चुनावी रणनीतिकार और जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मोदी सरकार के लिए एक बड़ा बयान दिया है. किशोर ने कहा कि केंद्र सरकार की लोकप्रियता में गिरावट आई है और यह आने वाले विधानसभा चुनावों के नतीजों पर निर्भर करेगा कि मोदी सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी या नहीं.

प्रशांत किशोर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चल रहे चुनावों के परिणाम, साथ ही अगले दो वर्षों में होने वाले चुनावों, जैसे कि महाराष्ट्र, झारखंड, बंगाल और असम में मोदी सरकार की राजनीतिक स्थिरता पर असर डालेंगे. उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी इन राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उनकी पकड़ मजबूत होगी. लेकिन अगर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा, तो यह केंद्र सरकार की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा.

बिहार में बीजेपी की स्थिति

प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति पर विशेष ध्यान दिया. जब उनसे पूछा गया कि अन्य राज्यों में चुनाव का माहौल कैसा रहेगा, तो उन्होंने कहा कि वह अन्य राज्यों के बारे में नहीं बता सकते, लेकिन बिहार की स्थिति से वह अच्छी तरह वाकिफ हैं. उन्होंने कहा, “बीजेपी का कोई भी मजबूत नेतृत्व राज्य में मौजूद नहीं है. पार्टी पूरी तरह से नीतीश कुमार के भरोसे है, और सभी जानते हैं कि उनके चेहरे पर चुनाव नहीं जीता जा सकता.”

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नीतीश कुमार की भूमिका

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि बिहार में बीजेपी के कार्यकर्ता समझते हैं कि नीतीश कुमार की उपस्थिति में चुनाव जीतना संभव नहीं है. बीजेपी को इस दुविधा का सामना करना पड़ रहा है. अगर नीतीश कुमार को हटाया जाता है, तो दिल्ली में सरकार गिर सकती है, और अगर उन्हें नहीं हटाया गया, तो पार्टी को हार का सामना करना पड़ेगा.

राजनीतिक बदलाव की तैयारी

प्रशांत किशोर ने आगामी 2 अक्टूबर को अपनी संस्था को एक राजनीतिक पार्टी में बदलने की घोषणा की है. वह पूरे राज्य का दौरा कर रहे हैं और इसका मकसद लोगों के बीच अपनी पार्टी की नींव रखना है. यह कदम बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, खासकर जब चुनावों का समय निकट है. प्रशांत किशोर का यह बयान भारतीय राजनीति, विशेषकर बिहार में बीजेपी की स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है.

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