MP News: कैबिनेट की 50 साल पुरानी परंपरा CM मोहन यादव ने बदली, मुख्य सचिव के लिए अलग स्थान और बैठक में किनारे नजर आए अनुराग जैन

MP News: मुख्य सचिव राज्य की प्रशासनिक पदानुक्रम में शीर्ष पर होता है. मुख्य सचिव को कैबिनेट सचिव के रूप में जाना जाता है. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शासन से संबंधित नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करते हैं.
MP News In the CS cabinet meeting, the chair of the new CS was not even placed next to the CM.

सीएस कैबिनेट बैठक में सीएम के बगल में नवागत सीएस की कुर्सी भी नहीं लगी.

MP News:  दमोह के सिंग्रामपुर में आयोजित पहली बैठक में वीरा राणा की तरह ही मंत्रियों के पीछे की कतार में सीएस बैठे. सीएस कैबिनेट बैठक में सीएम के बगल में नवागत सीएस की कुर्सी भी नहीं लगी. दमोह जिले के सिंग्रामपुर में आयोजित कैबिनेट बैठक में नवागत मुख्य सचिव अनुराग जैन को भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बगल में बैठने का अवसर नहीं मिला.

उनकी सीट पूर्व सीएस वीरा राणा की तरह मंत्रियों के पीछे वाली कतार में लगाई गई थी. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बनते हुए डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट की दूसरी बैठक से तत्कालीन मुख्य सचिव वीरा राणा की बैठक व्यवस्था बदल दी थी. उन्हें सिर्फ पहली बैठक में मुख्यमंत्री के बगल में बैठने का अवसर मिला था. सूत्र बताते हैं कि वीरा राणा की कुर्सी मंत्रियों के कैबिनेट बैठक में मंत्रियों के पीछे की कतार में बैठे नवागत सीएस अनुराग जैन बगल में लगाई गई थी लेकिन उन्होंने और पीछे बैठने का निर्णय लिया. उनके सेवानिवृत होने के बाद अनुराग जैन मुख्य सचिव बने. जैन के लिए सिंग्रामपुर में आयोजित कैबिनेट बैठक में शामिल होने का पहला अवसर था. संभावना जताई जा रही थी कि बैठक की पूर्व व्यवस्था लागू हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यानि सीएस जैन के लिए मंत्रियों की कतार के पीछे वाली लाइन में बैठने की व्यवस्था की गई.

पहले मुख्यमंत्री के बगल में बैठते थे मुख्य सचिव

मध्य प्रदेश में लंबा समय मुख्यमंत्री के तौर पर बिताने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में कई मुख्य सचिव बने. हर बैठक में मुख्यमंत्री के बगल में ही मुख्य सचिव की कुर्सी लगी होती थी. यही व्यवस्था दिग्विजय सिंह और अर्जुन सिंह सहित कई और मुख्यमंत्री के साथ बनी रही. पिछले पांच दशक से अधिक समय तक मुख्यमंत्री के बगल में कैबिनेट की बैठक के दौरान मुख्य सचिव बगल में बैठते थे लेकिन अब यह व्यवस्था मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बदल दी है. आखिर इसके पीछे की क्या वजह है यह तो मुख्यमंत्री ही बताएंगे.

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यह है नियम – मंत्रिपरिषद का सचिव होता है मुख्य सचिव

मुख्य सचिव राज्य की प्रशासनिक पदानुक्रम में शीर्ष पर होता है. मुख्य सचिव को कैबिनेट सचिव के रूप में जाना जाता है. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शासन से संबंधित नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करते हैं. सरकार और अधिकारियों के बीच में मुख्य सचिव की भूमिका अहम होती है. किसी प्रमुख सचिव या सचिव स्तर के अधिकारी को बैठक में बोलने से पहले मुख्य सचिव को जानकारी देनी होती है.

कैलाश विजयवर्गीय सहित कई मंत्री नहीं पहुंचे

सिंग्रामपुर में कैबिनेट बैठक के दौरान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय शामिल नहीं हो सके. इनके साथ राज्य मंत्री कृष्णा गौर और मंत्री निर्मला भूरिया भी नजर नहीं आई. विजयवर्गीय शनिवार को इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए.

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