इंसान तो इंसान, जानवर भी परेशान…इस दिल्ली में घुटता है दम, हवा जहरीली, यमुना मैली!

गोपाल राय ने कहा, "प्रतिकूल परिस्थितियों का असर प्रदूषण पर दिख रहा है. दिल्ली में हवा की गति कम हो रही है और तापमान तेजी से नीचे जा रहा है. नतीजतन, हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है.
Delhi Pollution

दिल्ली में वायु प्रदूषण से हाल बेहाल

Delhi Pollution: दिल्ली की हवा की गुणवत्ता केवल इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि यहां के जीव-जंतुओं के लिए भी बेहद खराब होती जा रही है. इस बार अक्टूबर में राष्ट्रीय राजधानी का पर्यावरण फिर से गंभीर संकट में है. पड़ोसी राज्यों में जलने वाले पराली के धुएं से दिल्ली की फिजा काली हो गई है, जिससे न केवल दिल्लीवाले, बल्कि यहां के जानवर भी प्रभावित हो रहे हैं. दिल्ली में 19 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 224 (‘खराब’) पर था, और कई स्थानों पर यह 300 (‘बहुत खराब’) के करीब पहुंच गया है. दिवाली के पटाखों का धुआं अभी से महसूस होने लगा है.

जानवरों पर भीषण संकट

दिल्ली के पालतू जानवर जैसे कुत्ते, बिल्लियां और कार्यरत जानवर जैसे बैल, गधे और घोड़े सभी इस विषाक्त वायु में सांस लेने के लिए तरस रहे हैं. प्रसिद्ध पशु चिकित्सक डॉ. नरेंद्र गांधी के अनुसार, “वायु प्रदूषण ने आंखों, कानों और गले से संबंधित बीमारियों के मामलों में वृद्धि की है. प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर जानवरों में त्वचा रोगों की समस्याएं भी बढ़ रही हैं.” प्रदूषण के कारण जानवरों में हृदय संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, जो चिंता का विषय है. उचित चिकित्सा देखभाल के बिना, ये जानवर मानव की बेजा हरकतों का सबसे अधिक शिकार बन रहे हैं.

पक्षियों पर भी पड़ रहा असर

दिल्ली के पक्षियों की स्थिति भी गंभीर है. अब दिल्ली में पक्षियों की आबादी घट रही है. दावा किया जा रहा है कि दिल्ली एनसीआर से कुछ पक्षियों की प्रजातियां प्रदूषण के कारण विलुप्त हो गई हैं. हालांकि, इस पर ठोस डेटा सरकार की ओर से अभी तक नहीं आई है. दिल्ली में जानवर भी अब सांस लेने के लिए तरस रहे हैं. जब हम इंसानों के जीवन की बात करते हैं, तो हमें उन जानवरों को नहीं भूलना चाहिए जो हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं. उन्हें भी एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में जीने का हक है.

हवा पर राजनीति?

मानसून के विदा होने के साथ दिल्ली में यमुना ने सफेदी की चादर ओढ़ ली है. दूर-दूर तक झाग की मोटी चादर फैली हुई है. आलम यह है कि ओखला बैराज के बाद नदी का पानी दिखना मुश्किल हो गया है. यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से नदी में जहरीला झाग तैरता हुआ दिखाई दिया. वहीं, बीते सालों की तरह यमुना के झाग ने दिल्ली की सियासी तपिश भी बढ़ाई है. दिल्ली सरकार व भाजपा ने एक-दूसरे को कठघरे में खड़ा किया है. बीजेपी के शहजाद पूनावाला शनिवार को यमुना किनारे पहुंच गए और आप सरकार पर निशाना साधा.

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आमने-सामने AAP और BJP

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “यमुना नदी का पानी जहरीला हो गया है. दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वे 2025 तक यमुना नदी को साफ कर देंगे. जब लोग यमुना नदी में छठ पूजा का त्योहार मनाएंगे, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि वे किन बीमारियों से पीड़ित होंगे?”

गोपाल राय ने कहा, “प्रतिकूल परिस्थितियों का असर प्रदूषण पर दिख रहा है. दिल्ली में हवा की गति कम हो रही है और तापमान तेजी से नीचे जा रहा है. नतीजतन, हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है. कुछ हॉटस्पॉट में प्रदूषण खराब श्रेणी से भी ज्यादा है, जबकि यूपी, हरियाणा, राजस्थान और केंद्र में भाजपा सरकारें सो रही हैं… सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार को एक-एक स्मॉग टावर लगाने का आदेश दिया है… भाजपा को आनंद विहार में उनके द्वारा लगाए गए स्मॉग टावर पर भी जाना चाहिए…”

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