Madhya Pradesh: एमपी सरकार ने अपनाया SNA-स्पर्श मॉडल, ई-कुबेर में खाता खुलने से सीधे इन लोगों को होगा फायदा
Madhya Pradesh: केंद्र सरकार की ओर से रिमाइंडर भेजे जाने बाद हरकत में आई मोहन सरकार ने एसएनए स्पर्श मॉडल अपना लिया है. केंद्र प्रवर्तित 53 योजनाओं के बैंक खाते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के कोर बैंकिंग समाधान ई-कुबेर में खुल गए हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा की केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में हितग्राहियों के खातों में रियल टाइम में पैसा रिलीज होगा. केंद्रीय योजनाओं के लिए प्राप्त राशि या राज्य के लिए आवंटित विशेष फंड का इस्तेमाल करने के लिए केंद्र सरकार ने देश में नई व्यवस्था लागू की है.
केंद्र सरकार ने मप्र समेत सभी राज्यों को केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्रांश प्राप्त करने के लिए एसएनए स्पर्श (समयोजित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण) मॉडल को अपनाना अनिवार्य कर दिया है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जुलाई में मप्र समेत अन्य राज्यों को रिमाइंडर भेजा था. इसमें केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए केंद्रांश प्राप्त करने के लिए एसएनए स्पर्श मॉडल को अपनाकर आरबीआई के कोर बैंकिंग समाधान ई-कुबेर में अनिवार्य रूप से खाता खुलवाने को कहा गया था. इसमें कहा गया था कि यदि सरकार ऐसा नहीं कर पाती है, तो उसे केंद्रीय योजनाओं में केंद्रांश नहीं दिया जाएगा. इसके बाद मप्र शासन के वित्त विभाग ने आयुक्त कोष एवं लेखा (सीटीए) को आरबीआई के ई-कुबेर में खाता खोलने की अनुमति दे दी थी. सीटीए ने अन्य औपचारिकताएं पूरी करते हुए 53 केंद्रीय योजनाओं के लिए ई-कुबेर में खाते खुलवाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है.
हितग्राहियों के खाते में ई कुबेर से फंड होगा ट्रांसफर
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एसएनए – स्पर्श मॉडल लागू होने पर बैंकों में पहले से खुले राज्य सरकार के विभागों के एसएनए (स्टेट नोडल एजेंसी) खाते बंद हो जाएंगे. सभी विभाग एसएनए खातों में पैसा जमा रखते हैं और जब किसी योजना में जरूरत होती है, तो खातों से पैसा निकालकर उपयोग करते हैं. एसएनए-स्पर्श मॉडल में जैसे ही राज्य सरकार को किसी केंद्र प्रवर्तित योजना के लिए फंड की जरूरत होगी, तो संबंधित विभाग केंद्र को प्रपोजल भेजेगा. प्रपोजल मिलने के बाद केंद्र सरकार के विभाग आरबीआई में ई-कुबेर में खुले खाते में अपना शेयर ट्रांसफर करेंगे. यहां से राज्य सरकार अपना शेयर ट्रांसफर करेगी और तत्काल हितग्राहियों के खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी.
एसएनए – स्पर्श मॉडल अपनाने से ये होगा फायदा
एसएनए-स्पर्श मॉडल में विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के हितग्राहियों को रियल टाइम में पैसा रिलीज होगा. एसएनए खातों में अनावश्यक पैसा जमा नहीं रहेगा. वर्तमान में यह व्यवस्था है कि केंद्र सरकार से राशि जारी होने के बाद राज्य सरकार को 30 दिन की अवधि में केंद्र और राज्य के पैसे को मिलाकर एसएनए खाते में राशि जमा करना होती है. एसएनए खाते में पैसा डालने के बाद खर्च करने तक वह खाते में जमा रहता है.
महालेखाकार भी नजर रख सकेंगे
एसएनए- स्पर्श मॉडल लागू होने के बाद महालेखाकार (एजी) राज्यों के वित्त प्रबंधन पर बारीकी से नजर रख सकेगा कि किसी उद्देश्य विशेष से भेजे गए फंड का सही इस्तेमाल हुआ है या नहीं. किस योजना में कितने हितग्राहियों को, कितनी राशि का आवंटन किया गया है.
इन योजना में लागू हुआ नया नियम
इन केंद्रीय योजनाओं के ई-कुबेर में खुले खाते रूसा, स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, प्राकृतिक स्रोतों व ईकोसिस्टम का संरक्षण, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, कृषि उन्नति योजना, पशुपालन विभाग के डवलपमेंटल प्रोग्राम, खाद्यानों का एक से दूसरे राज्य में आवाजाही, पीएम एफएमई, प्रधानमंत्री भारत- पीएम जन आरोग्य योजना, अमृत, स्वच्छ भारत मिशन शहरी, आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर मेंटेनेंस, आयुष्मान प्रधानमंत्री आवास योजना, न्यायतंत्र के लिए अधोसंरचनात्मक सुविधाएं, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, पीएम श्री, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, नदी जोड़ो योजना, मिशन शक्ति, पुलिस बल का आधुनिकीकरण आदि योजनाएं.