कैश कांड के बाद ‘बिटकॉइन बम’…वोटिंग से पहले महाराष्ट्र में धमाका, किसे फायदा, किसे नुकसान?

चुनावी माहौल में हर छोटी बात भी बड़े विवाद का रूप ले सकती है. आने वाले दिनों में इस विवाद का क्या असर होगा, यह देखना बाकी है, लेकिन फिलहाल तो महाराष्ट्र चुनाव में यह दोनों मुद्दे विपक्ष और महायुति के बीच सियासी मुकाबले को और भी तीव्र बना रहे हैं.
Maharashtra Election

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Maharashtra Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले दो बड़े विवाद सामने आए, जिन्होंने चुनावी माहौल को गरमा दिया. पहले बीजेपी के नेता और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे विरार के एक होटल में कैश के साथ दिखे. इस वीडियो को विपक्ष ने जल्दी पकड़ लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे वोटरों के बीच हंगामा मच गया. विपक्ष ने इस वीडियो को चुनाव में पैसे के खेल का प्रमाण मानते हुए बीजेपी पर आरोप लगाए.

सुप्रिया सुले पर आरोप

लेकिन वोटिंग से पहले ये ‘कैश कांड’ ज्यादा चर्चा में था ही नहीं कि बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने एक और बड़ा आरोप लगा दिया. उन्होंने कांग्रेस नेता सुप्रिया सुले और बिटकॉइन डीलर गौरव मेहता के बीच एक ऑडियो क्लिप जारी किया, जिसमें बिटकॉइन के जरिए 235 करोड़ रुपये की हेराफेरी की बात की जा रही थी. सुधांशु त्रिवेदी ने इस बातचीत को आधार बनाते हुए व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट्स शेयर किए और आरोप लगाया कि सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता नाना पटोले ने बिटकॉइन का इस्तेमाल कर यह घोटाला किया है.

इस नए खुलासे के बाद विपक्ष और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया. कांग्रेस ने बीजेपी पर चुनाव में पैसे बांटने का आरोप लगाया, जबकि बीजेपी ने सुप्रिया सुले को घेरते हुए आरोप लगाया कि वे बिटकॉइन के जरिये भ्रष्टाचार कर रही हैं. पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल ने भी यह आरोप लगाया कि महाराष्ट्र चुनाव में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल हो रहा है.

अजित पवार ने क्या कहा?

अजित पवार ने कहा कि बिटकॉइन विवाद में सुप्रिया सुले की आवाज है, लेकिन शरद पवार ने इसे बीजेपी की साजिश बताया. उन्होंने रवींद्रनाथ पाटिल पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि वह पहले कई महीनों तक जेल में रहे हैं. इसके बाद सुप्रिया सुले ने बीजेपी के सांसद सुधांशु त्रिवेदी को मानहानि का नोटिस भेजा.

वोटिंग से पहले यह ‘कैश कांड’ और ‘बिटकॉइन बम’ दोनों ही दलों के लिए चुनौती बन गए हैं. जहां एक ओर बीजेपी का वीडियो कैश बांटने का मुद्दा पहले सामने आया, वहीं कांग्रेस ने बिटकॉइन के विवाद को मुद्दा बना लिया. इसे लेकर यह माना जा रहा है कि कैश कांड से महायुति (बीजेपी-शिवसेना) को ज्यादा नुकसान हो सकता है, क्योंकि यह मुद्दा पहले सामने आया था और विपक्षी दलों ने इसे वोटरों तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की.

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पूरी तरह से बचाव नहीं कर पाई बीजेपी

वहीं, बिटकॉइन के आरोपों से बीजेपी पूरी तरह से बचाव नहीं कर पाई. मुंबई में इस विवाद का ज्यादा असर देखा जा सकता है, क्योंकि वहां के चुनावी माहौल में ये दोनों मुद्दे प्रमुख रूप से उठे हैं. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि बिटकॉइन घोटाले की रकम विनोद तावड़े के कैश मामले से ज्यादा है, लेकिन अब समय कम है और वोटिंग चल रही है.

चुनावी माहौल में हर छोटी बात भी बड़े विवाद का रूप ले सकती है. आने वाले दिनों में इस विवाद का क्या असर होगा, यह देखना बाकी है, लेकिन फिलहाल तो महाराष्ट्र चुनाव में यह दोनों मुद्दे विपक्ष और महायुति के बीच सियासी मुकाबले को और भी तीव्र बना रहे हैं.

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