न जनाजे में दिखा, न ही भारत के खिलाफ जहर उगला…क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मारा गया हाफिज सईद?
आतंकी हाफिज सईद
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के तहत मंगलवार देर रात से बुधवार तड़के तक भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकियों के 9 ठिकानों को मिसाइलों से तबाह कर दिया. इनमें लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद का मुरीदके और जैश-ए-मोहम्मद के मसूद अजहर का बहावलपुर वाला अड्डा भी शामिल है. अब सवाल उठ रहा है कि क्या इस हमले में हाफिज सईद मारा गया?
क्यों हुई यह कार्रवाई?
पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. जांच में खुलासा हुआ कि इस हमले के तार लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ से जुड़े थे, जिन्हें पाकिस्तान से मदद मिल रही थी. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “यह कार्रवाई आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के लिए थी. हमने सटीक और जिम्मेदारी से हमला किया, ताकि आम लोग सुरक्षित रहें.”
कौन-कौन से ठिकाने उड़े?
कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि भारतीय सेना ने 9 आतंकी अड्डों को मिट्टी में मिला दिया. इनमें से कुछ बड़े नाम थे. इस लिस्ट में सबसे पहला नाम है मुरीदके का मरकज तैयबा का. यह हाफिज सईद का लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर था, जहां 2008 के मुंबई हमले के आतंकी तैयार हुए थे. वहीं, बहावलपुर का मरकज सुभान-अल्लाह. यह मसूद अजहर का जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ था, जहां आतंकियों को ट्रेनिंग और भड़काऊ विचार दिए जाते थे.
इसके अलावा, मुजफ्फराबाद और कोटली में भी हमला किया गया. यहां PoK में आतंकी कैंप था. रक्षा मंत्रालय का दावा है कि इस ऑपरेशन में 70-80 आतंकी मारे गए. सबसे खास बात? किसी सैन्य ठिकाने या आम नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया.
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हाफिज सईद की मौत का रहस्य!
हमले के बाद पाकिस्तान में एक जनाजे की तस्वीरों ने हंगामा मचा दिया. तीन बातें सबका ध्यान खींच रही हैं. पहली, एक ताबूत पर ‘COAS’ (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ) लिखा फूल देखा गया. यानी पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने इसे भेजा. इतना बड़ा आतंकी मरा कि जनरल साहब की आंखें नम हो गईं? दूसरी बात , एक और ताबूत पर ‘प्रेसीडेंट’ लिखा फूल था. यानी पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी शोक जताया और आखिरी बात, लश्कर-ए-तैयबा के बड़े कमांडर हाफिज अब्दुल रउफ ने जनाजे में नमाज पढ़ी, और वहां पाकिस्तानी फौजी अफसरों की आंखें भी छलकती दिखीं.
इन बातों ने अटकलों को हवा दी कि क्या भारत ने हाफिज सईद को ढेर कर दिया? इससे पहले मसूद अजहर ने खुद एक बयान में कहा कि बहावलपुर हमले में उसके परिवार के 10 लोग मारे गए. इसमें उसकी बहन, बहनोई और बच्चे शामिल हैं. वह सदमे में हैं. यहां एक और सवाल उठ रहा है कि अगर मसूद जिंदा है तो कौन बड़ा आतंकी मारा गया, जिसके जनाजे में मुनीर ने फूल भेजा था?
हाफिज सईद के बारे में भी खबरें हैं कि वह हमले से पहले ही छिप गया था. फिर भी, जनाजे की तस्वीरों ने रहस्य को और गहरा कर दिया है. हालांकि, समय के साथ इन बातों से पर्दा उठ ही जाएगा, लेकिन भारत ने एक बार फिर से पाकिस्तान को सबक सिखा दिया है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने साबित कर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं रहेगा. हाफिज सईद की मौत की खबरें अभी रहस्य बनी हुई हैं, लेकिन इस कार्रवाई ने आतंकियों की कमर तोड़ दी है.