जस्टिस बेला त्रिवेदी के फेयरवेल पर क्यों मचा बवाल? जानिए क्या है पूरा मामला
जस्टिस बेला त्रिवेदी
Justice Bela M Trivedi: सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से हलचल मच गई है, और इस बार मामला है जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के रिटायरमेंट का. 16 मई 2025 को जस्टिस त्रिवेदी ने सुप्रीम कोर्ट को अलविदा कहा, लेकिन उनकी विदाई में कुछ ऐसा हुआ कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई भड़क गए. आखिर क्या है पूरा माजरा? क्यों नहीं हुआ जस्टिस त्रिवेदी का फेयरवेल? चलिए, सबकुछ विस्तार से जानते हैं.
जस्टिस बेला त्रिवेदी का रिटायरमेंट
जस्टिस बेला त्रिवेदी को 9 जून 2025 को रिटायर होना था, लेकिन उन्होंने 16 मई को ही अपना आखिरी कार्यदिवस पूरा किया. वजह? वो अपने परिवार के एक शादी समारोह में शामिल होने अमेरिका जा रही हैं. अब सुप्रीम कोर्ट में परंपरा है कि रिटायर होने वाले जज के आखिरी दिन एक खास बेंच सजती है, जहां वो CJI के साथ बैठते हैं. साथ ही, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) उस जज के सम्मान में शाम को एक फेयरवेल पार्टी आयोजित करता है. लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ.
SCBA ने क्यों मारी पलटी?
हर बार की तरह इस बार भी सबको उम्मीद थी कि जस्टिस त्रिवेदी के लिए शानदार विदाई समारोह होगा. लेकिन SCBA ने फेयरवेल आयोजित ही नहीं किया. ये बात CJI बीआर गवई को बिल्कुल पसंद नहीं आई. उन्होंने खुलकर SCBA की आलोचना की और कहा, “ऐसा रवैया बिल्कुल ठीक नहीं है. परंपराओं का सम्मान करना चाहिए.” CJI ने ये भी साफ किया कि भले ही जज का कोई फैसला पसंद न आए, लेकिन विदाई समारोह को नजरअंदाज करना गलत है.
SCBA ने ऐसा क्यों किया?
असल वजह तो साफ नहीं है, लेकिन वकीलों के कुछ गुटों में जस्टिस त्रिवेदी के एक पुराने फैसले को लेकर नाराजगी थी. पिछले साल उनकी अगुवाई वाली बेंच ने कुछ वकीलों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर याचिका दायर करने के मामले में CBI जांच का आदेश दिया था. शायद यही गुस्सा फेयरवेल न करने की वजह बना. हालांकि, ये बिल्कुल अस्पष्ट नहीं है.
CJI का गुस्सा और तारीफ का डबल डोज
CJI गवई ने SCBA को लताड़ लगाने के साथ-साथ कुछ लोगों की तारीफ भी की. SCBA के अध्यक्ष और सीनियर वकील कपिल सिब्बल और उपाध्यक्ष रचना श्रीवास्तव उस औपचारिक बेंच में मौजूद थे, जहां जस्टिस त्रिवेदी ने आखिरी बार CJI के साथ बैठकर सुनवाई की. CJI ने कहा, “मैं कपिल सिब्बल और रचना का शुक्रिया अदा करता हूं कि वो यहां आए. लेकिन SCBA का रवैया मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आया.”
CJI के बाद जस्टिस एजी मसीह ने भी SCBA के रवैये पर निराशा जताई. उन्होंने कहा, “परंपराएं टूटनी नहीं चाहिए. जस्टिस त्रिवेदी को मैं उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं. वो कई लोगों के लिए प्रेरणा बनेंगी.”
यह भी पढ़ें: शराब घोटाला मामले में बड़ा एक्शन! कवासी लखमा के करीबियों के घर छापा, सुकमा और दंतेवाड़ा में ACB-EOW की रेड
एक जज जिसने कभी समझौता नहीं किया
जस्टिस बेला त्रिवेदी का करियर शानदार रहा है. वो न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट की जज रहीं, बल्कि पहले कानून सचिव के तौर पर भी काम कर चुकी हैं. भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने उनकी तारीफ में कहा, “जस्टिस त्रिवेदी में गजब की दृढ़ता थी. वो हमेशा कानून के साथ खड़ी रहीं.”
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी जस्टिस त्रिवेदी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, “वो कभी लोकप्रियता के चक्कर में नहीं पड़ीं. उनके फैसले हमेशा कानून के हिसाब से होते थे. भले ही हमने उनके सामने कई केस हारे, लेकिन उनका सम्मान हमेशा बना रहा.”