PFI साजिश मामले में MP हाई कोर्ट सख्त, लीगल एडवाइजर वासिद खान की जमानत याचिका खारिज
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) PFI के लीगल एडवाइजर की जमानत रद्द कर दी है. NIA कोर्ट से जमानत रद्द होने के बाद आरोपी वासिद खान की जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. लीगल एडवाइजर वासिद खान को NIA ने साल 2023 में भोपाल से गिरफ्तार किया था. उसके साथ 3 अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था. NIA ने यह एक्शन सरकार के खिलाफ साजिश रचने और भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने-वैमनस्यता फैलाने के आरोप में लिया था.
HC ने रद्द की जमानत याचिका
NIA कोर्ट से जमानत रद्द होने के बाद PFI के लीगल एडवाइजर वासिद खान की जमानत के लिए HC में अर्जी दायर की गई थी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अधिवक्ता वासिद खान को जमानत देने से इंकार कर दिया है. वासिद खान पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गंभीर आरोप हैं, जिनमें देश के खिलाफ साजिश रचने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने का दावा शामिल है.
वासिद खान के खिलाफ क्या आरोप है?
वासिद खान पेशे से वकील है. उसके खिलाफ आरोप है कि वे ऐसी गतिविधियों में शामिल था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती थीं. वासिद खान की गिरफ्तारी के बाद NIA कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने दलील दी थी कि वासिद खान के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, जिनमें संदिग्ध संदेशों और गतिविधियों के दस्तावेज शामिल हैं. इन दस्तावेजों में कथित तौर पर ऐसी सामग्री थी, जो देश में अशांति फैलाने और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की मंशा दर्शाती थी.
बता दें कि वासिद खान मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले का रहने वाला है. जानकारी के मुताबिक वह 2017 से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़ा था. वह PFI के आयोजित सभी कार्यक्रमों एवं गोपनीय बैठकों में नियमित रूप से सम्मिलित होकर संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के संपर्क में रहता था.
साल 2023 में हुआ था गिरफ्तार
साल 2023 में भोपाल में MP पुलिस और NIA ने वासिद खान को गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसियों का दावा है कि खान का संबंध कुछ ऐसे व्यक्तियों और संगठनों से था, जो कट्टरपंथी गतिविधियों को बढ़ावा देने में लिप्त थे. वासिद खान के वकीलों ने इन आरोपों को निराधार बताया है.
भारत में PFI पर प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में ISIS जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ ‘लिंक’ रखने और देश में सांप्रदायिक घृणा फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए PFI और उसके कई सहयोगी संगठनों को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. इस प्रतिबंध से पहले NIA, ED और विभिन्न राज्य पुलिस बलों ने PFI पर बड़े पैमाने पर छापे मारे थे. साथ ही इस एक्शन के दौरान PFI के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को विभिन्न राज्यों से कथित तौर पर गिरफ्तार किया था.