यूरिया से लेकर ‘रेयर अर्थ मेटल’ तक…बार-बार खुन्नस निकाल रहा है चीन, क्या भारत की बढ़ती इकॉनमी से ड्रैगन को लगी मिर्ची?

जब कोई डरता है, तो अजीब हरकतें करता है. चीन भी कुछ ऐसा ही कर रहा है. उसकी नज़र हमारे कृषि, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर पर है. इसके कुछ ठोस सबूत भी मिले हैं. दरअसल, चीन ने हाल ही में यूरिया के एक्सपोर्ट पर लगी रोक हटा दी है, लेकिन पता है किसके लिए? सिर्फ बाकी देशों के लिए, भारत के लिए नहीं.
China Urea Export Ban

चीन का भारत पर नापाक नज़र

China Urea Export Ban: जब एक पड़ोसी तरक्की करने लगे, तो दूसरा जलने लगता है? कुछ ऐसा ही भारत और चीन के बीच होता दिख रहा है, लेकिन बड़े पैमाने पर. भारत की इकॉनमी जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उससे लगता है कि चीन को अंदर ही अंदर बड़ी टेंशन हो गई है. क्या युवा भारत की ताकत से चीन बेहाल हो गया? आइए, ड्रैगन की अजीब हरकतों का पूरा सच क्या है, सबकुछ विस्तार से जानते हैं…

चीन की आबादी बूढ़ी, भारत अभी जवान!

सोचिए, एक देश जिसकी आधी से ज़्यादा आबादी बूढ़ी हो रही हो और दूसरा देश जहां युवा ही युवा हों, कौन ज़्यादा काम करेगा? चीन के साथ यही हो रहा है. उसकी कामकाजी आबादी तेज़ी से बूढ़ी हो रही है, जबकि भारत अभी ‘जवान’ होना शुरू हुआ है. पिछले साल आई एक रिपोर्ट बताती है कि 2031 तक भारत में कामकाजी लोगों की आबादी 65% से ज़्यादा हो जाएगी.

वहीं, चीन की औसत उम्र 2011 में 34.5 साल थी, जो अब बढ़कर 39.5 साल हो चुकी है. इसका सीधा मतलब है कि भारत के पास काम करने वाले ज़्यादा लोग हैं, जो देश की तरक्की में चार चांद लगा सकते हैं. जनसंख्या में भी भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है. हम दुनिया के सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश बन गए हैं. यह सब चीन के लिए परेशानी का सबब बन गया है.

भारत के कृषि और उद्योग पर चीन की बुरी नज़र?

जब कोई डरता है, तो अजीब हरकतें करता है. चीन भी कुछ ऐसा ही कर रहा है. उसकी नज़र हमारे कृषि, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर पर है. इसके कुछ ठोस सबूत भी मिले हैं. दरअसल, चीन ने हाल ही में यूरिया के एक्सपोर्ट पर लगी रोक हटा दी है, लेकिन पता है किसके लिए? सिर्फ बाकी देशों के लिए, भारत के लिए नहीं. यानी बाकी दुनिया में यूरिया जा सकता है, लेकिन भारत को नहीं मिलेगा. डीएपी के एक्सपोर्ट पर भी चीन ने भारत के लिए लिमिट लगा रखी है. ये ऐसा है जैसे कोई मेहमान घर आए और उसे खाने में से सिर्फ कुछ चीज़ें ही दें और बाकी सब हटा लें. ये सीधे-सीधे हमारी कृषि पैदावार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है.

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‘रेयर अर्थ मेटल’ पर मनमानी

ऑटोमोबाइल, क्लीन एनर्जी और घरों के ज़रूरी सामान बनाने के लिए ‘रेयर अर्थ मेटल’ से बने मैग्नेट बहुत ज़रूरी होते हैं. चीन पिछले कुछ समय से इनके एक्सपोर्ट पर भी पाबंदी लगाए बैठा है, जिससे भारत के उद्योगों में हड़कंप मचा हुआ है. पिछले साल हमने ज़्यादातर ये मैग्नेट चीन से ही इम्पोर्ट किए थे. अब भारत इसके दूसरे विकल्प ढूंढ रहा है, लेकिन ये इतना आसान नहीं. चीन की ये चालबाज़ी साफ़ दिखाती है कि वह हमारी औद्योगिक तरक्की को रोकना चाहता है.

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति है भारत!

आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. भारत जापान, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, कनाडा और इटली जैसे अमीर देशों को पीछे छोड़ दिया है. भले ही हम अभी चीन से आंकड़ों में पीछे हों, लेकिन हमारी तरक्की की रफ्तार देखकर ‘ड्रैगन’ को अपनी कुर्सी हिलती हुई महसूस हो रही है. कोविड महामारी के दौरान जब चीन की इकॉनमी लड़खड़ा रही थी, भारत ने उस समय भी शानदार तरक्की की और चीन की टेंशन और बढ़ा दी. अब चीन की नापाक चाल देखकर तो यही लग रहा है कि वो भारत की तेज तरक्की से डरा हुआ है. उसकी हरकतें यही बता रही हैं कि वह भारत को आगे बढ़ने से रोकना चाहता है.

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