जब 17 हिट के बाद 7 फ्लॉप फिल्मों ने तोड़ दिया हौसला, समंदर में डूबने जा रहा था ये सुपरस्टार
जब टूट गए थे राजेश खन्ना
Bollywood Story: हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) को भला कौन नहीं जानता. अपनी अदाकारी और स्टाइल से उन्होंने लाखों दिलों पर राज किया. एक वो दौर था जब उनकी फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर आते ही छा जाती थीं. लेकिन, क्या आपको पता है कि कामयाबी की बुलंदियों को छूने के बाद एक ऐसा वक़्त भी आया, जब राजेश खन्ना इतने टूट गए थे कि वो समंदर में डूबकर जान देने की सोचने लगे थे?
कामयाबी का सुनहरा दौर
29 दिसंबर 1942 को पंजाब के अमृतसर में जन्मे जतिन खन्ना बाद में राजेश खन्ना के नाम से मशहूर हुए. उनका फ़िल्मी सफर 1966 में ‘आखिरी खत’ से शुरू हुआ. लेकिन, असली जादू तो 1969 में आई फिल्म ‘आराधना’ से शुरू हुआ. इस फिल्म के बाद राजेश खन्ना ने जो इतिहास रचा, वो आज तक कोई नहीं दोहरा पाया. उन्होंने एक के बाद एक लगातार 17 सुपरहिट फ़िल्में दीं.
सोचिए, तीन सालों तक (1969 से 1972 तक) उनकी हर फिल्म हिट रही. ‘इत्तेफाक’, ‘दो रास्ते’, ‘बंधन’, ‘खामोशी’, ‘डोली’, ‘सफर’, ‘आन मिलो सजना’, ‘द ट्रेन’, ‘सच्चा झूठा’, ‘कटी पतंग’, ‘अंदाज’, ‘आनंद’, ‘महबूब की मेहंदी’, ‘हाथी मेरे साथी’, ‘दुश्मन’ और ‘अमर प्रेम’ जैसी फ़िल्में दर्शकों के सिर चढ़कर बोलीं. राजेश खन्ना हर दिल की धड़कन बन गए थे, उन्हें ‘काका’ कहकर पुकारा जाने लगा.
जब लगातार 7 फ्लॉप फिल्मों ने तोड़ दिया हौसला
लेकिन, कहते हैं न समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता. 17 सुपरहिट फिल्में देने के बाद, राजेश खन्ना की किस्मत ने ऐसी पलटी मारी कि उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई. साल 1976 से उनके बुरे दौर की शुरुआत हुई. एक के बाद एक उनकी सात फ़िल्में फ्लॉप हो गईं. ‘महबूबा’, ‘बंडल बाज’, ‘अनुरोध’, ‘त्याग’, ‘छैला बाबू’, ‘कर्म’ और ‘चलता पुर्जा’जैसी सभी फ़िल्में टिकट खिड़की पर औंधे मुंह गिरीं.
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समंदर में डूब जाने का ख्याल…
लगातार मिल रही असफलताओं ने राजेश खन्ना को अंदर से तोड़ दिया था. उनका करियर बिखरता देख वो इतने मायूस हो गए कि उन्होंने आत्महत्या करने तक का मन बना लिया. पत्रकार और लेखक यासिर उस्मान ने राजेश खन्ना पर लिखी अपनी किताब ‘Rajesh Khanna: The Untold Story of India’s First Superstar’ में बताया है कि डिप्रेशन के चलते काका ने समंदर में डूब जाने का फैसला कर लिया था. हालांकि, बाद में उन्होंने खुद को संभाला और इस बुरे ख्याल को मन से निकाल दिया.
राजेश खन्ना का जीवन हमें सिखाता है कि कामयाबी के बाद असफलताएं भी आती हैं, लेकिन हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. काका ने उस बुरे दौर से निकलकर फिर से अपने करियर को संभाला और हमेशा के लिए हिंदी सिनेमा के अमर सितारे बन गए.